बात-बात में हो जाती हैं, देखो कितनी सारी बातें। घर-परिवार, देश-दुनिया की, होतीं सबसे न्यारी बातें।। रातों में देखे सपनों की, दिन भर की दिनचर्या की भी, सुबह-शाम उपवन में जाकर, होतीं प्यारी-प्यारी बातें। बातों का नहीं ठौर-ठिकाना, बातों से रंगीन जमाना, गली-गाँव चौराहे करते, मेरी और तुम्हारी बातें। बातें ही तो मीत बनातीं, बातें बैर-भाव फैलातीं, बातों से नहीं मन भरता है, सुख-दुख की संचारी बातें। जाल-जगत के ढंग निराले, हैं उन्मुक्त यहाँ मतवाले, ज्यादातर करते रहते हैं, गन्दी भ्रष्टाचारी बातें। लेकिन कोश नहीं है खाली, सुरभित इसमें है हरियाली, सींच रहा साहित्य सरोवर, उपजाता गुणकारी बातें। खोल सको तो खोलो गठरी, जिसमें बँधी ज्ञान की खिचड़ी, सभी विधाएँ यहाँ मिलेंगी, होंगी विस्मयकारी बातें। नहीं “रूप” है, नहीं रंग है, फिर भी बातों की उमंग है, कभी-कभी हैं हलकी-फुलकी, कभी-कभी हैं भारी बातें। |
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बुधवार, 22 जून 2011
"बातों की ग़ज़ल" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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सुनता है फिर गुनता है जो-
जवाब देंहटाएंगुरुजन की संस्कारी बातें ||
दिल में घर कर लेता है वो --
करता है जो प्यारी बातें ||
बातो में बात चली है ....वही तो सबके साथ चली है
जवाब देंहटाएंदुनिया की भीड़ में ...वो ही तो दिन रात चली है
क्या बात है! आपकी 'प्यारी बातें' भी लाज़बाब हैं
जवाब देंहटाएंनहीं “रूप” है, नहीं रंग है, फिर भी बातों की उमंग है,
जवाब देंहटाएंकभी-कभी हैं हलकी-फुलकी, कभी-कभी हैं भारी बातें।
रूप रंग ना होने पर भी क्या से क्या कर जाती है बातें
कभी ते्रे तो कभी मेरे दिल की कह जाती है ढेर सारी बातें
har baat pyaari hai aapki
जवाब देंहटाएंhar gazal manohari hai aapki
अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंबातों से तो बडी से बडी समस्या का हल निकल जाता है
सार्थक पोस्ट
रातों में देखे सपनों की, दिन भर की दिनचर्या की भी,
जवाब देंहटाएंसुबह-शाम उपवन में जाकर, होतीं प्यारी-प्यारी बातें!
बहुत सच कहा है...बहुत सार्थक और सुन्दर प्रस्तुति!
क्या बात है ! बहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंgarden ki picture dekh ke puraane dino ki yaadein taaza kar dee aapne!!
जवाब देंहटाएंबातों ही बातों में सुन्दर बात । सुबह शाम दिन हो या रात बस होगी बात ही बात । बातों की कई किस्म
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना! बातों से ही दिन की शुरुआत होती है और बातों बातों में ही अनेक समस्याओं का हल होता है!
जवाब देंहटाएंबात निकलती, बढ़ती रहती,
जवाब देंहटाएंबातों में बातों की बातें।
nice
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना...
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब ।
जवाब देंहटाएंसादा अंदाज़ में हक़ीक़त का बयान है यह।
http://tobeabigblogger.blogspot.com/2011/02/create-blog.html
जाल-जगत के ढंग निराले, हैं उन्मुक्त यहाँ मतवाले,
जवाब देंहटाएंज्यादातर करते रहते हैं, गन्दी भ्रष्टाचारी बातें।
सार्थक रचना। गहन भाव लिए आपकी शैली (जिसका जवाब नहीं) का जादू न सिर्फ़ दिल को छूता है बल्कि मन-मस्तिष्क के लिए भी बहुत कुछ दे जाता है।
बातों पर बहुत सुन्दर बातें लिख दीं आपने…………बातों से बातें निकालना कोई आपसे सीखे। बहुत सुन्दर्।
जवाब देंहटाएंबातों की बातें बहुत निराली हैं
जवाब देंहटाएंखूबसूरत
गजल
हंसी के फवारे में- अजब प्रेम की गजब कहानी
itni saree achhee baaten...
जवाब देंहटाएंsundar rachna.
bato hi bato mein kya khoobbat ki hai
जवाब देंहटाएंगली -गाँव चौराहे करते ,मेरी और तुम्हारी बातें ...,
जवाब देंहटाएं....कभी कभी हैं हलकी फुलकी ,कभी कभी हैं भारी बातें ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति आभार -
(इसमें जोड़ों मेरे भैया लक्ष्मी और उल्लू की बातें .शुक्रिया सटीक टिपण्णी के लिए ,लक्ष्मी का वाहन यही भारतीय राजनीति का उलूक है ).
dr. saheb chhoti-2 baaton m bahut badi baat kar gaye sir
जवाब देंहटाएंलेकिन कोश नहीं है खाली, सुरभित इसमें है हरियाली,
जवाब देंहटाएंसींच रहा साहित्य सरोवर, उपजाता गुणकारी बातें
जय हो जय हो जय हो
बहुत सारी बातों को समेटे अच्छी गज़ल
जवाब देंहटाएंबातें ही तो मीत बनातीं,
जवाब देंहटाएंबातें बैर-भाव फैलातीं,
बातों से नहीं मन भरता है,
सुख-दुख की संचारी बातें।
बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी ग़ज़ल !
हार्दिक शुभकामनायें !
Guru ji appney sahi kaha hai baatey to kabhi nahi khattam hoti hai, woo koi bhi baatey ho, baatto mey hi sey to baatey nikaal thi hai.
जवाब देंहटाएंguru ji hai hamery Mahan,
जवाब देंहटाएंwo karey hai baatey mahan,
ish leyey to woo sebkey piyarey hai,
ish leyey raj dularey hai.
such mai app mahan hai .
जवाब देंहटाएंबातों की है बात निराली होती कितनी प्यारी बातें
जवाब देंहटाएंबात बात में बतकत चला कर हुई आपसे कितनी बातें
बहुत सुन्दर शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंबड़ी प्यारी लगी आपकी गीतिका (हिंदी ग़ज़ल)