गर्मी-सर्दी दोनों में, सुख देती अपनी खादी है खादी के ही साथ जुड़ी, निज भारत की आजादी है खादी को बदनाम किया है, चाटुकार-गद्दारों ने खादी का अपमान किया है, चालबाज-मक्कारों ने नेताओं ने सबसे ज्यादा, की इसकी बरबादी है रँगे हुए स्यारों ने, बापू जी को बहुत भुनाया है उस थाली में छेद किया, जिसमें भोजन को खाया है सत्ता का सुख मिला उसी को, जो दुर्जन-अपराधी है नर ही नारायण बनकर, कल्याण स्वयं का करते हैं भोले-भालों को भरमाकर, अपनी झोली भरते हैं मकड़ी के जालों में उलझी, जनता सीधी-सादी है सूख गई सरिताएँ सारी, तालाबों में काई है हरियाली मिट गई धरा से, कंकरीट उग आई है शस्य-श्यामला धरती पर, बढ़ती जाती आबादी है, |
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सोमवार, 16 अप्रैल 2012
"खादी का अपमान किया है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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इस कविता में आपने बिलकुल सही फरमाया है!...खादी का सब से ज्यादा अपमान हमारे नेतागण ही कर रहे है!...सुन्दर प्रस्तुति!...आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया।
जवाब देंहटाएंbahut sateek vyangya hai sachme khaadi ko hi badnaam kar diya in khaadi dhaariyon ne.bahut achcha likha hai aapne.
जवाब देंहटाएंक्या कहने
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया
सटीक -
जवाब देंहटाएंप्रेरित करती हुई --
सादर
खादी की यह दुर्दशा, गांधी का अपमान |
बर्बादी का है जमा, हर साजो-सामान |
हर साजो-सामान, सभी ग्रामोदय भूले |
मची हुई है होड़, आसमाँ को हम छूलें |
गांधी दर्शन मूल, किन्तु पश्चिम के आदी |
संस्कार सब भूल, भूलते जाते खादी ||
नर ही नारायण बनकर, कल्याण स्वयं का करते हैं
जवाब देंहटाएंभोले-भालों को भरमाकर, अपनी झोली भरते हैं
झोली भरने वाले तो हमी हैं
बहुत सुन्दर
नर ही नारायण बनकर, कल्याण स्वयं का करते हैं
जवाब देंहटाएंभोले-भालों को भरमाकर, अपनी झोली भरते हैं
मकड़ी के जालों में उलझी, जनता सीधी-सादी है
बहुत ही सुन्दर !
kalamdaan
खादी आज भी रोती है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति.कानूनी रूप से अपराध के विरुद्ध उचित कार्यवाही
जवाब देंहटाएंखादी से गांधी तक सबका अपमान नेतागण ही कररहे हैं.
जवाब देंहटाएंइस कविता में आपने बिलकुल सही फरमाया है!
जवाब देंहटाएंSee your poem in
http://hbfint.blogspot.com/2012/04/39-nirmal-baba-ki-tisri-aankh.html
सटीक सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंSach kaha hai ... Khadi ka apmaan sab se jyada in netaon ne hi kiya hai .. Lajawab prastuti Shastri Ji ...
जवाब देंहटाएंSach kaha hai ... Khadi ka apmaan sab se jyada in netaon ne hi kiya hai .. Lajawab prastuti Shastri Ji ...
जवाब देंहटाएंसमसामयिक घटना क्रम को जोड़ कर आपने एक उत्तम संदेश दिया है।
जवाब देंहटाएंखादी को बदनाम किया है, चाटुकार-गद्दारों ने
जवाब देंहटाएंखादी का अपमान किया है, चालबाज-मक्कारों ने
बढ़िया प्रस्तुति,सुंदर अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना,...
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सुन्दर, सार्थक,बेहतरीन अभिव्यक्ति ...
जवाब देंहटाएंआपने एक बार फिर आईना दिखा दिया.
जवाब देंहटाएंनर ही नारायण बनकर, कल्याण स्वयं का करते हैं
जवाब देंहटाएंभोले-भालों को भरमाकर, अपनी झोली भरते हैं
मकड़ी के जालों में उलझी, जनता सीधी-सादी है
बढ़िया व्यंग्य आज के सामाजिक और राजनीतिक सच पे .