!! श्रद्धापूर्वक नमन !!
सत्य, अहिंसा का पथ जिसने, दुनिया को दिखलाया।
सारे जग से न्यारा गांधी, सबका बापू कहलाया।।
भाले-बरछी, तोप-तमञ्चे, हथियारों को छोड़ दिया,
देश-भक्ति के नारों से, जनता का मानस जोड़ दिया,
स्वतन्त्रता
का मन्त्र अनोखा, तुमने ही तो बतलाया।
सारे जग से न्यारा गांधी, सबका बापू कहलाया।।
गंगा, यमुना,सरस्वती की, भारत में बहती धारा,
राम, कृष्ण,गौतम,गांधी का
देश यही प्यारा-प्यारा,
इसीलिए तो
देवजनों ने, इसी भूमि को अपनाया।
सारे जग से न्यारा गांधी, सबका बापू कहलाया।।
दो अक्टूबर को भारत में,गांधी ने अवतार लिया,
लालबहादुर ने भी इस पावन माटी से प्यार किया,
जय-जवान और जय-किसान का नारा सबको सिखलाया।
सारे जग से न्यारा गांधी, सबका बापू कहलाया।।
लोकतन्त्र की आहुति बनकर, दोनों ने बलिदान दिया,
महायज्ञ की बलिवेदी पर, अपना जीवन दान किया,
धन्य-धन्य हे पुण्य प्रसूनों! तुमने उपवन महकाया।
सारे जग से न्यारा गांधी, सबका बापू कहलाया।।
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बुधवार, 1 अक्टूबर 2014
"सारे जग से न्यारा गांधी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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सब को नवदुर्गा-वृत्त की शुभकामना ! आज के वृद्ध-दिवस की वधाई सभी वरिष्ठ नागरिकों को !अच्छा गांधी-गीत !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर गीत
जवाब देंहटाएंVery nice post & blog .
जवाब देंहटाएंGandhi jayanti ki shubhkamnaye.
बहुत सुंदर गीत
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और प्रभावी प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत !
जवाब देंहटाएंनवरात्रों की हार्दीक शुभकामनाएं !
शुम्भ निशुम्भ बध :भाग ८
मेरे ब्लॉग पर आपकी कृपापूर्ण टिप्पणी के साथ 18-19 अक्टूबर को खटीमा में आयोजित होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय बाल साहित्य सम्मेलन की सूचना मुझे मिली। आभार आपका। 10 ब्लॉगर बाल साहित्यकार के नाम सुझाने की बाबत मैं सोंचने लगा तो ब्लॉगर बाल साहित्यकार के नज़रिये से तो मुझे प्रभावित करने वाले दो ही साहित्यकार दिख रहे हैं इनमे एक आप दूसरे भाई ज़ाकिर अली रजनीश जी। बाकी कुछ कवि हैं जो ब्लॉग से जुड़े नहीं हैं। मैंने तो बाल साहित्य बहुत ही कम लिखा है इसलिए मैं तो इसमें कहीं फिट नहीं बैठता। कभी मेरे लायक कोई सेवा हो तो बताइयेगा।
जवाब देंहटाएंआपका
कुँवर कुसुमेश
सुन्दर गीत,दो महान नेताओं को समर्पित।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति ..हार्दिक बधाई !
जवाब देंहटाएं