“Under the greenwood tree”
BY WILLIAM SHAKESPEARE
हरे पेड़ के नीचे
(अनुवादक-डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
भावानुवाद
हरे पेड़ के नीचे
रहकर हरियाली में
मीठे सुर में गीत सुनाकर
साथ परिन्दों के
कौन रहेगा
मीत यहाँ पर
कौन बनेगा
बनकर बन प्यारा
वही रहेगा
मधुर-मधुर गायेगा
स्वर भरके
जो गीत यहाँ पर
आओ खुश होकर
सब समझो सबको मीत यहाँ
सब ऋतुएँ अनुकूल बनें तब
कोई न होगा
जग में जब विपरीत यहाँ
आओ-आओ खुश हो करके
सेंको धूप सुहानी
खुशी मिलेगी जब ही जग में
हो जायेगी तब आसानी
अगर तमन्नाएँ तज कर
जो मिल जाये खायें
मिट जायेगा बैर-भाव
जब मीत सभी बन जायें
आओ बनकर मीत खुशी से
सरदी के ऊबड़-खाबड़
मौसम को छोड़ो
सब ऋतुएँ अनुकूल बनेंगी
शत्रु नहीं है कोई यहाँ पर
व्यर्थ अहम् को मत ओढ़ो
|
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शनिवार, 19 जनवरी 2019
अनुवाद "हरे पेड़ के नीचे BY WILLIAM SHAKESPEARE" (अनुवादक-डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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बहुत सुन्दर आदरणीय
जवाब देंहटाएंसादर
शेक्सपियर को खूब अनुभव था खि The world is too much with us.
जवाब देंहटाएं