मित्रों!
21
जनवरी मेरे लिए इतिहास से कम नहीं है!
क्योंकि आज के ही दिन
मैंने ब्लॉगिंग की दुनिया में अपना कदम बढ़ाया था।
आज
से ठीक 12 वर्ष पूर्व मैंने उच्चारण नाम
से अपना ब्लॉग बनाया था और उस पर अपनी पहली रचना पोस्ट की थी-
बुधवार, 21 जनवरी 2009
सुख का सूरज उगे गगन में, दु:ख का बादल छँट जाए।
हर्ष हिलोरें ले जीवन में, मन की कुंठा मिट जाए।
चरैवेति के मूल मंत्र को अपनाओ निज जीवन में -
झंझावातों के काँटे
पगडंडी पर से हट जाएँ।
--
इसके
बाद “शब्दों
का दंगल” नाम
से ब्लॉग बनाया और इस पर पहली रचना पोस्ट की-
THURSDAY, 30 APRIL 2009
"दंगल अब तैयार हो गया।" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') ब्लॉगर मित्रों के लड़ने को, दंगल अब तैयार हो गया।। करो वन्दना सरस्वती की, रवि ने उजियारा फैलाया, सावधान हो कर के अपने, तरकश में से तर्क निकालो,
शब्दों
के हथियार संभालो, सपना अब साकार हो गया।
नई-पुरानी
रचना लाओ, रात गयी अब दिन है आया,
गद्य-पद्य
लेखनकारी में शामिल यह परिवार हो गया।
ब्लॉगर
मित्रों के लड़ने को, दंगल अब तैयार हो गया।।
देश-प्रान्त
का भेद नही है, भाषा का तकरार नही है,
ज्ञानी-ज्ञान, विचार मंच है, दुराचार-व्यभिचार नही है,
स्वस्थ
विचारों को रखने का, माध्यम ये दरबार हो गया।
ब्लॉगर
मित्रों के लड़ने को, दंगल अब तैयार हो गया।।
मस्तक
की मिक्सी में मथकर, सुधा-सरीखा अर्क निकालो,
हार
न मानो रार न ठानो, दंगल अब परिवार हो गया।
ब्लॉगर
मित्रों के लड़ने को, दंगल अब तैयार हो गया।।
--
मंगलवार, मई 19,
2009 को इस
पर पहली पोस्ट लगाई।
‘‘मयंक की डायरी का पहला
पन्ना’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
Friday, December 18, 2009 "दिल है कि मानता नही" (चर्चा मंच)
--
जिस पर पहली
पोस्ट थी-
चर्चा
मंचः प्रवेशांक
उसके
बाद तो मैंने ढेर सारे ब्लॉग बना लिये और कई साझा ब्लॉगों में भी लिखने लगा। वो
समय ब्लॉगिंग का स्वर्णिम काल था। आज तो फेसबुक ने ब्लॉग लेखन को चौपट कर दिया
है, किन्तु
मैं आज भी सबसे पहले अपने सृजन को ब्लॉग पर पोस्ट करता हूँ और उसके बाद ही इसे
फेसबुक-ट्विटर आदि पर साझा करता हूँ।
|
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
मंगलवार, 21 जनवरी 2020
"मेरे ब्लॉग उच्चारण का जन्मदिन" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि ...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
ढेरों शुभकानाएं
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग " उच्चारण " के बारह वर्ष की लम्बी सुखद यात्रा की ढेरों सुभकामनाए सर ,ईश्वर करे ये सफर और बारह साल चले और हम सभी को आपके सुंदर रचनाओं को पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त होता रहें ,सादर नमस्कार आपको
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें आदरणीय सर। आपका ये शानदार सफर बहुत ही कामयाब और दूसरों के लिए एक प्रेरणा रहाहै। आपकी रचना यात्रा को दिखाता आपका ये भवनाओंसे भरा लेख आपके संतोष और खुशी की पुष्टि करताहै। येसफर अनवरत जारीरहे ये दुआ करती हूँ। सादर प्रणाम और आभार 🙏🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंबधाई और शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंब्लॉग के सालगिरह की बहुत बहुत बधाई,आदरणीय शास्त्री जी। आपका ये ब्लॉग का सफर अनवरत यू ही चलता रहे यहीं शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनाएँ सर ब्लॉग की वर्षगाँठ पर 🎉🎉🎊🎊🌹🎉
जवाब देंहटाएं