गोवर्धन पूजा करो, शुद्ध करो परिवेश। गोसंवर्धन से करो, उन्नत अपना देश। -- अन्नकूट के दिवस पर, करो अर्चना आज। गोरक्षा से सबल हो, पूरा देश समाज।। -- श्रीकृष्ण ने कर दिया, माँ का ऊँचा भाल। इस अवसर पर आप भी, बन जाओ गोपाल।। -- गौमाता से ही मिले, दूध-दही, नवनीत। सबको होनी चाहिए, गौमाता से प्रीत।। -- गइया के घी-दूध से, बढ़ जाता है ज्ञान। दुग्धपान करके बने, नौनिहाल बलवान।। -- कैमीकल का उर्वरक, कर देगा बरबाद। फसलों में डालो सदा, गोबर की ही खाद।। -- गंगा-गइया का रखो, आप हमेशा ध्यान। बन्द कसाईघर करो, कहलाओ इंसान।। -- |
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शनिवार, 14 नवंबर 2020
दोहे "गोवर्धन पूजा करो, शुद्ध करो परिवेश" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बहुत सुंदर सृजन। बिल्कुल सही कहा आपने।
जवाब देंहटाएंअभिनन्दन के संग हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर ज्ञानप्रद रचना