ज़िन्दग़ी को प्यार करना चाहिए हौसले से थाम कर पतवार को सागरों को पार करना चाहिए मुल्क की अस्मत बचाने के लिए दुश्मनों पर वार करना चाहिए अमन का सन्देश देने के लिए क़ौम को तैयार करना चाहिए मतलबी सौदागरों के साथ में सोच कर इक़रार करना चाहिए जब मुकम्मल हो भरोसा इश्क पर प्यार का इज़हार करना चाहिए सिखाती है सभ्यता अपनी यही शान से सत्कार करना चाहिए चाहते अपने लिए जो आप हों बस वही ब्यौहार करना चाहिए बिन महक के “रूप” तो बेकार है चमन का सिंगार करना चाहिए |
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शनिवार, 17 सितंबर 2022
ग़ज़ल "प्यार का इज़हार करना चाहिए" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (18-9-22} को विश्वकर्मा भगवान का वंदन" (चर्चा अंक 4555) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
सार्थक अर्थ समेटे उम्दा ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंअनंत शुभकामनाएं 🌹🌹
बेहतरीन रचना आदरणीय
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंगजल का यह शेर लाजवाब है :
जवाब देंहटाएंजब मुकम्मल हो भरोसा इश्क पर
प्यार का इज़हार करना चाहिए.
साधुवाद!