-- जन्मदिन पर मैं सतत् उपहार दूँगा। प्यार जितना है हृदय में, प्यार दूँगा।। साथ में रहते जमाना हो गया है, “रूप” भी अब तो पुराना हो गया
है, मैं तुम्हें फिर भी नवल उद्गार दूँगा। प्यार जितना है हृदय में, प्यार दूँगा।। एक पथ के पथिक ही हम और तुम हैं, एक रथ के चक्र भी हम और तुम हैं, नाव जब भी डगमगायेगी भँवर में, हाथ में अपनी तुम्हें पतवार दूँगा। प्यार जितना है हृदय में, प्यार दूँगा।। साथ तुम मझधार में मत छोड़ देना, प्रीत की तुम डोर को मत तोड़ देना, सुमन कलियों से सुसज्जित चमन में, फैसले का मैं तुम्हें अधिकार दूँगा। प्यार जितना है हृदय में, प्यार दूँगा।। ज़िन्दग़ी में नित-नये आग़ाज़ होंगे, दिन पुराने और नये अन्दाज़ होंगे, प्राण तन में जब तलक मेरे रहेंगे, मैं तुम्हें अपना सबल आधार दूँगा। प्यार जितना है हृदय में, प्यार दूँगा।। -- |
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गुरुवार, 29 सितंबर 2022
मेरी जीवन संगिनी का जन्मदिन "साथ तुम मझधार में मत छोड़ देना" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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शुभकामनाएं जन्मदिन पर।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(३०-०९ -२०२२ ) को 'साथ तुम मझधार में मत छोड़ देना' (चर्चा-अंक -४५६८) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
जन्मदिन पर अनमोल उपहार
जवाब देंहटाएंसच्चे प्यार की चाशनी में पगी मधुर शुभकामना !
जवाब देंहटाएंभाभी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ !
यूँ ही ये प्यार सदैव बना रहे, बहुत प्यारा अनमोल उपहार
जवाब देंहटाएंमाँ जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!
वाह!!!
जवाब देंहटाएंकितना अनमोल उपहार !
जन्मदिन की शुभकामनाएं।