कुछ कहा कीजिए, कुछ सुना कीजिए! मौन इतना कभी मत रहा कीजिए!! गम को मिल-बाँटकर, बोझ हल्का करो, बेहिचक बात पर तप्सरा कीजिए! मौन इतना कभी मत रहा कीजिए!! गैर तुम भी नहीं, गैर हम भी नही, चाँद को बादलों से रिहा कीजिए! मौन इतना कभी मत रहा कीजिए!! जिन्दगी एक मुश्किल भरा फलसफा, प्यार से दिल लगाकर पढ़ा कीजिए! मौन इतना कभी मत रहा कीजिए!! मुद्दतों बाद गुलशन में गुल हैं खिले, देख कर के बगीचा हँसा कीजिए! मौन इतना कभी मत रहा कीजिए!! मन नहीं कम है दैरो-हरम से प्रिये! रोज ही इसमें आते रहा कीजिए! मौन इतना कभी मत रहा कीजिए!! |
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शुक्रवार, 9 अप्रैल 2010
“कभी मत रहा कीजिए” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
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कुछ दिल की बातें कहा किजिये
जवाब देंहटाएंकुछ दिल की सुना किजिये
गैरों को अपना कहा किजिये
मौन हरदम कभी मत रहा किजिये
एक बहुत ही उम्दा प्रस्तुति……………।
जिन्दगी एक मुश्किल भरा फलसफा,
जवाब देंहटाएंप्यार से दिल लगाकर पढ़ा कीजिए!
मौन इतना कभी मत रहा कीजिए!!
बहुत सुंदर पंक्तियाँ.... दिल को छू गई....
हम तो हमेशा से आपके पावर वाले पंखे हैं...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे, वाह..
महफूज जी को देखकर अच्छा लग रहा है...
इस ग़ज़ल में हिंदी और उर्दू के शब्दों का
जवाब देंहटाएंअच्छा तालमेल है!
--
यही इस ग़ज़ल की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता है!
गैर तुम भी नहीं, गैर हम भी नही,
जवाब देंहटाएंचाँद को बादलों से रिहा कीजिए!
मौन इतना कभी मत रहा कीजिए!!
शानदार रचना:बधाई
जिन्दगी एक मुश्किल भरा फलसफा,
जवाब देंहटाएंप्यार से दिल लगाकर पढ़ा कीजिए!
मौन इतना कभी मत रहा कीजिए!!
बहुत खूबसूरत एहसास हैं....सच है कि बात चीत एक सशक्त माध्यम है आपस में समझाने का...
जिन्दगी एक मुश्किल भरा फलसफा,
जवाब देंहटाएंप्यार से दिल लगाकर पढ़ा कीजिए!
मौन इतना कभी मत रहा कीजिए!!
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ! बिलकुल सही बात है! शानदार और लाजवाब रचना!
वाह सर वाह.....बात करने से ही बात बनती है....लंबा पसरा मौन कई बार घातक हो जाता है..
जवाब देंहटाएंkholo dil ke bhed kholo man halka ho jayega. achchha laga.
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