सावन में सजने लगा, पावन शिव का धाम। गली-गली में गूँजता, बम-भोले का नाम।१। निहित ज्ञान का पुंज है, गीता में श्रीमान। पढ़ना इसको ध्यान से, इसमें है विज्ञान।२। उर्दू-हिन्दी को दिया, जिसने नव आयाम। अमर रहेगा जगत में, प्रेमचन्द का नाम।३। जनता की है दुर्दशा, जन-जीवन बेहाल। कूड़ा-कर्कट बीनते, भारत माँ के लाल।४। मामा शकुनि हो गये, बिगड़ गये हैं ढंग। पक्षपात को देखकर, हुए भानजे दंग।५। देते हैं सन्ताप को, नीच घरों के लोग। इसीलिए तो मुकदमें, लोग रहे हैं भोग।६। चना-चबेना भी नहीं, महँगाई की मार। मनमोहन सरकार से, गया आदमी हार।७। आड़ी-तिरछी हाथ में, होतीं बहुत लकीर। कोई है राजा यहाँ, कोई रंक-फकीर।८। सुख देती है सभी को, जल की नेह फुहार। चौमासे में मिल रहा, कुदरत का उपहार।९। पाषाणों की चोट से, शीशा जाता टूट। लेकिन वो झुकता नहीं, पीता गम के घूँट।१०। हर युग में होती रही, अभिमन्यू की मौत। खुली चुनौती दे रहा, चन्दा को खद्योत।११। शिकवा और शिकायतें, जीवन के हैं साथ। बुरे वक्त में दोस्त को, आजमाइए तात।१२। हाँसकर जीवन को जियो, रहना नहीं उदास। नीरसता को त्याग के, करो हास-परिहास।१३। मधु के लालच में कभी, धोखा भी हो जात। सोच-समझकर प्यार से, छत्ते में दो हाथ।१४। प्रणय जगाता है सदा, तन-मन में उदगार। प्रेम हमेशा ही रहा, जीवन का आधार।१५। नौनिहाल को सीख दें, सुधरेगा संसार। कहने से पहले जरा, मन में करें विचार।१६। चिपकी-चिपकी पेंट से, नंगी देह दिखाय। अच्छा-खासा आदमी, नंगा सा बन जाय।१७। |
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बुधवार, 11 जुलाई 2012
"सत्रह दोहे" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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ज्ञानवर्धक..!!
जवाब देंहटाएंहर युग में होती रही, अभिमन्यू की मौत।
जवाब देंहटाएंखुली चुनौती दे रहा, चन्दा को खद्योत।११।
शानदार दोहे कमाल के इस दोहे में तो सौ में से सौ नंबर बधाई आपको
रचनाओं को दुह गए, दोहे बेहद खास |
जवाब देंहटाएंबरस झमाझम है रहा, यह सावन शिव मास |
यह सावन शिव मास, कृपा गुरुवर की होती |
हुई स्नेहसिक्त आज, जलाया पावन ज्योति |
बहुत बहुत आभार, कृपा कुछ और बढाओ |
धन्य हो गई आज , गीत गाओ रचनाओं ||
क्या गज़ब के दोहे हैं सभी एक से बढकर एक हैं ………………शानदार लाजवाब
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सार्थक दोहे..
जवाब देंहटाएंसुन्दर ज्ञानवर्धक दोहे.....
जवाब देंहटाएंकमाल के दोहे.. बहुत सुन्दर.. बहुत प्रभावशाली
जवाब देंहटाएंसुन्दर-सरस-सहज लगें,दोहे नीति उपाय
जवाब देंहटाएंअमल करें,बचकर रहें,मति रहा भरमाय
गहन भाव लिए बेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंलाजबाब रचना...बहुत सुन्दर सार्थक .
जवाब देंहटाएंभिन्न भिन्न रंगों के दोहे..
जवाब देंहटाएंगहन भाव लिए ...बेहतरीन प्रस्तुति ...आभार
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन प्रव्शाली दोहे...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना:-)
सत्रह दोहे क्यों लिखे, लिखे नहीं क्यों बीस?
जवाब देंहटाएंलगता मन के भाव थे, सत्रह पर छत्तीस।:)
bahut achchi lagi......
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रभावशाली दोहे,,,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...
हर युग में होती रही, अभिमन्यू की मौत।
जवाब देंहटाएंखुली चुनौती दे रहा, चन्दा को खद्योत।११।
बहुत सुन्दर अर्थ और व्यंजना में सभी दोहे
सुंदर दोहे....
जवाब देंहटाएंसुन्दर दोहे और सार गर्भित भी |
जवाब देंहटाएंआशा
शानदार और जानदार !!
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंयूनिक तकनीकी ब्लाग------------- फेसबुक टाईमलाईन आपनाये