शारदे माँ! तुम्हें कर रहा हूँ नमन।
आप आकर करो अब सुवासित चमन।।
घोर
तम है भरा आज परिवेश में,
सभ्यता
सो गई आज तो देश में,
हो
रहा है सुरा का यहाँ आचमन।
आप आकर करो अब सुवासित चमन।।
दो
सुमेधा मैं मेधा से अनजान हूँ,
माँगता
ऐसे छन्दों का वरदान हूँ,
जिनसे
आये हमारे वतन में अमन।
आप आकर करो अब सुवासित चमन।।
अर्चना-वन्दना
आपकी कर रहा,
शीश
चरणों में, मैं आपके धर रहा,
आपके
दर्शनों के हैं प्यासे नयन।
आप आकर करो अब सुवासित चमन।।
मेरे
कानों में वीणा बजा दीजिए,
कोरे
पन्नों में अक्षर सजा दीजिए,
मेरे
मन को बना दीजिएगा सुमन।
आप आकर करो अब सुवासित चमन।।
|
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रविवार, 20 जनवरी 2013
"शारदे माँ! तुम्हें कर रहा हूँ नमन" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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sharda maa ko ek naman mera bhi
जवाब देंहटाएंएक नए संदर्भ और रूप में आपने इस आराधना को प्रस्तुत किया है।
जवाब देंहटाएंवाह!
जवाब देंहटाएंआपकी यह पोस्ट कल दिनांक 21-01-2013 के चर्चामंच पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ
प्रणाम सारदे माँ
जवाब देंहटाएंघोर तम है भरा आज परिवेश में,
जवाब देंहटाएंसभ्यता सो गई आज तो देश में,
हो रहा है सुरा का यहाँ आचमन।
आप आकर करो अब सुवासित चमन।।
माँ...प्रार्थना स्वीकार हो....!!
घोर तम है भरा आज परिवेश में,
जवाब देंहटाएंसभ्यता सो गई आज तो देश में,
हो रहा है सुरा का यहाँ आचमन।
आप आकर करो अब सुवासित चमन।।
माँ शारदे को नमन !
बहुत ही सुंदर भक्तिमय आराधना मां को नमन ....
जवाब देंहटाएंKOTISAH NAMA SUNDAR BHAV,UTTAM PRASTUTI, SADAR अर्चना-वन्दना आपकी कर रहा,
जवाब देंहटाएंशीश चरणों में, मैं आपके धर रहा,
आपके दर्शनों के हैं प्यासे नयन।
आप आकर करो अब सुवासित चमन।।
मेरे कानों में वीणा बजा दीजिए,
कोरे पन्नों में अक्षर सजा दीजिए,
मेरे मन को बना दीजिएगा सुमन।
आप आकर करो अब सुवासित चमन।।
Bahut sundar bhajan.Maa Sharde ko shat shat naman!
जवाब देंहटाएंमाता सबको बुद्धि दे,
जवाब देंहटाएंहर जन जन का त्रास |
आभार गुरु जी -
सुन्दर प्रयास आभार सार्थक भावनात्मक अभिव्यक्ति कलम आज भी उन्हीं की जय बोलेगी ...... आप भी जाने कई ब्लोगर्स भी फंस सकते हैं मानहानि में .......
जवाब देंहटाएंमां को नमन ....
जवाब देंहटाएंवाह !! बहुत सुंदर वंदना | माँ को मेरा भी नमन |
जवाब देंहटाएंआप पर तो माँ की सदैव ही कृपा है..
जवाब देंहटाएंसच्ची ज्योति ज्ञान से ही संभव है. सुंदर रचना शास्त्री जी.
जवाब देंहटाएंनमन
जवाब देंहटाएंघोर तम है भरा आज परिवेश में,
जवाब देंहटाएंसभ्यता सो गई आज तो देश में,
हो रहा है सुरा का यहाँ आचमन।
आप आकर करो अब सुवासित चमन।।
नैतिक पतन को रोकने के लिये यह प्रार्थना अति आवश्यक है...
बहुत सुन्दर रचना, विद्या का अधिकार, दे शारदे माँ..
जवाब देंहटाएंsundar prarthna...
जवाब देंहटाएंघोर तम है भरा आज परिवेश में,
जवाब देंहटाएंसभ्यता सो गई आज तो देश में,
हो रहा है सुरा का यहाँ आचमन ...
सुन्दर आह्वान ... माँ शारदे के चरणों में ....
लाजवाब ...
नमन।।
जवाब देंहटाएंमाँ शारदे की सुंदर आराधना....
जवाब देंहटाएं:-)
माँ वीणावादिनी की सुन्दर स्तुति । आपको भी नमन ।
जवाब देंहटाएं