कलम के
मुसाफिर, कहीं सो
न जाना!
जलाना
पड़ेगा तुझे, दीप जगमग,
दिखाना
पड़ेगा जगत को सही मग,
तुझे
सभ्यता की, अलख है
जगाना!!
कलम के
मुसाफिर...................!!
सिक्कों
की खातिर कलम बेचना मत,
कलम में
छिपी है ज़माने की ताकत,
भटके हुओं
को सही पथ दिखाना!
कलम के
मुसाफिर...................!!
झूठों की
करना कभी मत हिमायत,
अमानत में
करना कभी मत ख़यानत,
हक़ीक़त से
अपना न दामन बचाना!
कलम के
मुसाफिर...................!!
|
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सोमवार, 12 मई 2014
"हक़ीक़त से अपना न दामन बचाना" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बहुत सुंदर प्रस्तुति ...!
जवाब देंहटाएंवाह सुंदर चित्र सुंदर प्रस्तुति भी :)
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सार्थक सन्देश देता हुआ गीत ...बहुत =बहुत बधाई
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