♥ आज देखिए कुछ दोहे ♥
जीवन के दो चक्र
है, सुख-दुख जिनके नाम।
दोनों ही हालात
में, धीरज से लो काम।।
चंचल मन की हाथ
में, रखना खींच लगाम।
मन के हाथों तुम कभी,
बनना नहीं गुलाम।।
जिसने मन पर कर
लिया, स्वामी बन अधिकार।
मानवता का मिल गया,
उसको ही उपहार।।
सरल सुभाव अगर
नहीं, धर्म-कर्म सब व्यर्थ।
छल और कपट मनुष्य
का, करता सदा अनर्थ।।
जीवन प्रहसन के
सभी, इस दुनिया में पात्र।
सबका जीवन है यहाँ,
चार दिनों का मात्र।।
|
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शुक्रवार, 20 जून 2014
"दोहे-धीरज से लो काम" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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जिसने मन पर कर लिया, स्वामी बन अधिकार।
जवाब देंहटाएंमानवता का मिल गया, उसको ही उपहार।।
very right expression .thanks .
बहुत सुंदर दोहे ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक दोहे...
जवाब देंहटाएंसुन्दर सारगर्भित दोहे...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर...
जवाब देंहटाएंजीवन के दो चक्र है, सुख-दुख जिनके नाम---- लाजवाब
जवाब देंहटाएंजिसने मन पर कर लिया, स्वामी बन अधिकार।
जवाब देंहटाएंमानवता का मिल गया, उसको ही उपहार।।---बिल्कुल सच्च |
सार्थक दोहे
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर।
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