बिना मोल के जो मिले, चुम्बन वो उपहार।१।
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चुम्बन के इस दिवस पर, बुझा लीजिए प्यास।
दिन-प्रतिदिन बढ़ता रहे, आपस में विश्वास।२।
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एक दिवस के लिए क्यों? चुम्बन का व्यापार।
जीवनभर करते रहो, मीठा-मीठा प्यार।३।
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अपनाओ निज सभ्यता, छोड़ विदेशी ढंग।
परिणय करके लीजिए, जीवन भर का संग।४।
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कामुकता-अश्लीलता, बढ़ती जग में आज।
इसके ही कारण हुआ, दूषित देश समाज।५।
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मानव मानव ही रहें, यही हमारा मन्त्र।
वासनाओं के वास्ते, ढोंग और षड़यन्त्र।६।
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जीवन के संग्राम को, समझ न लेना खेल।
जीवनसाथी से सदा, रखना हरदम मेल।७।
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मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018
दोहे "रखना हरदम मेल" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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