जो परिन्दे के पर कतरता है। वो इबादत का ढोंग करता है।। जो कभी बन नही सका अपना, दम वही दोस्ती का भरता है। दीन-ईमान को जो छोड़ रहा, कब्र में पाँव खुद ही धरता है। पार उसका लगा सफीना है, जो नही ज़लज़लों से डरता है। इन्तहा जिसने जुल्म की की है, वो तो कुत्ते की मौत मरता है। |
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रविवार, 15 नवंबर 2009
"वो तो कुत्ते की मौत मरता है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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और मरना भी चाहिए शास्त्रीजी !
जवाब देंहटाएंज़ुल्म करने वाले को सज़ा मिलनी ही चाहिए..........
बहुत ही शानदार पोस्ट !
जो परिन्दे के पर कतरता है।
जवाब देंहटाएंवो इबादत का ढोंग करता है।।
सीधी सच्ची और इमानदार बात
bahut shaandaar gazal hai.... har ek sher nayab... tarasha hua
जवाब देंहटाएंजो परिन्दे के पर कतरता है।
जवाब देंहटाएंवो इबादत का ढोंग करता है।।
pahli pankti ne hi man moh liya....
poori kavita apne aap mein sampoorn hai....
bahut achchi lagi..........
बहुत लाजवाब. शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
"इन्तहा जिसने जुल्म की की है"
जवाब देंहटाएंग़ज़ल में यमक अलंकार का
सुंदर प्रयोग दिखाई दिया!
सौ आने सच्ची बात कही आपने...आप की कविता कुछ ना कुछ सीख देती है..बधाई शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंकाफी संतुष्टि प्रदान कर गई
जवाब देंहटाएं१००००००००००००००००००००००००००% सत्य वचन महाराज !
जवाब देंहटाएंजो परिन्दे के पर कतरता है।
जवाब देंहटाएंवो इबादत का ढोंग करता है।।
बहुत सुंदर शास्त्री जी, जबाब नही
धन्यवाद
Bahut Hi kamaal ki rachna likhi aapne Shastri ji... man prasann ho gaya..
जवाब देंहटाएंJai Hind...
उम्दा गज़ल कही है!!
जवाब देंहटाएंजो परिन्दे के पर कतरता है।
जवाब देंहटाएंवो इबादत का ढोंग करता है....
बहुत सही ....!!
सही बात कही आपने शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंइन्तहा जिसने जुल्म की की है,
जवाब देंहटाएंवो तो कुत्ते की मौत मरता है।
अगर ये लोग समझे तो...
बहुत ही सुन्दर, एक एक लब्ज आपका वजनदार है शास्त्री जी !
बहुत सुंदर और लाजवाब रचना लिखा है आपने ! बधाई!
जवाब देंहटाएंजो परिन्दे के पर कतरता है।
जवाब देंहटाएंवो इबादत का ढोंग करता है ...
कमाल की बात लिखी है शास्त्री जी ... सच है जो मूक पंचियों पर ज़ुल्म करता है वो साची पूजा नही कर सकता ....... बहूत अच्छी रचना है ..........
waah kya khoob likha hai...........tarif ke liye shabd bhi kam pad jayein jahan.........lajawaab
जवाब देंहटाएंaise logon ka yahi hashra hona chahiye , sahi anzaam par pahunchati gazal
जवाब देंहटाएंbahut hi badiya
जवाब देंहटाएंbahut hi badiya
जवाब देंहटाएंbahut hi badiya
जवाब देंहटाएंकरीने से कह दी आपने बड़ी बात, लगभग हर बार की तरह...
जवाब देंहटाएं