Farewell Love poem - Thomas Wyatt अनुवादक:डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक” |
प्रेम गीत को विदाई अलविदा! प्रेम के कायदे कानूनों को अलविदा! उलझनों से मुक्त हो जाऊँगा सर्वदा! सेनेक और प्लेटो मुझे निहारते हैं बुद्धिमान कहकर मुझे पुकारते हैं दौड़-धूप से दौलत का उद्योग करना बुद्धि की चातुर्यता से इसका सही उपयोग करना अज्ञानता में की गयी त्रुटि को मानना अपनी हठ को कभी नही ठानना तीक्ष्ण अस्वीकार दुःख देता है बारम्बार बातों को लेना उपहास में गम्भीरता को दबाना परिहास में मैं कहता हूँ अलविदा प्यार नौजवान दिलों पर डालो यह भार बहुत हो चुकी है बरबादी बोझ नही है अब आज़ादी मुझको कोई अभाव न होगा दौलत का प्रभाव न होगा सम्पत्ति की हसरत है बेकारों को दौलत की चाहत है बेचारों को धन को खर्च करो नाजुकता के साथ यही है समय की पुकार मैं खो चुका हूँ अपना वक्त आह…. अब तो ऊपर चढ़ने के लिए सड़ी हुई टहनी भी नही बची है! अलविदा प्यार! |
SIR THOMAS WYATTSir Thomas Wyatt was a British poet. He was born in 1503 and died in 1542. |
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बुधवार, 31 मार्च 2010
“अलविदा प्यार!” (अनुवादक:डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
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अपनी हठ को
जवाब देंहटाएंकभी नही ठानना
तीक्ष्ण अस्वीकार
दुःख देता है बारम्बार
अनूठी अभिव्यक्ति ....सुन्दर कविता का सुन्दर अनुवाद ....आभार
बहुत अच्छी रचना का बहुत बढ़िया अनुवाद!
जवाब देंहटाएंएक बहुत ही अच्छी रचना ओर सुंदर भाव लिये है.
जवाब देंहटाएंआप का धन्यवाद
बहुत अच्छी प्रस्तुति !!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंरामराम
बहुत ही सुन्दर भावों से सजी उम्दा कविता……………सुन्दर अनुवाद्।
जवाब देंहटाएंबहुत हो चुकी है बरबादी
जवाब देंहटाएंबोझ नही है अब आज़ादी
मुझको कोई अभाव न होगा
दौलत का प्रभाव न होगा
सुन्दर भाव और बेहतरीन प्रस्तुती! लाजवाब!
[url=http://lambada.com]llambada[/url]
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना का बहुत बढ़िया अनुवाद!
जवाब देंहटाएं