सजी हैं घर-घर में रंगोली। आओ हम खेलें हिल-मिल होली।। नहीं भड़कने देंगे नफरत की मतवाली आग, शीतल जल की बौछारों से खेलेंगें हम फाग, प्यार की बोलेंगे हम बोली। आओ हम खेलें हिल-मिल होली।। उनको रंग लगाएँ, जो भी खुश होकर लगवाएँ, बूढ़ों और असहायों को हम, बिल्कुल नहीं सताएँ, करें मर्यादित हँसी-ठिठोली। आओ हम खेलें हिल-मिल होली।। कीचड़-कालिख, वस्त्र फाड़ना, नहीं सभ्यता होती, लज्जा ढकने को होती है, चोली, दामन धोती, बनाकर मानवता की टोली। आओ हम खेलें हिल-मिल होली।। शस्य-शयामला धरा सजी है, हर्षित होकर गाएँ, खेतों में से सोने जैसी, फसल काट कर लाएँ, रहे ना रिक्त किसी की झोली। आओ हम खेलें हिल-मिल होली।। |
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बुधवार, 16 मार्च 2011
"खेलें हिल-मिल होली" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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नहीं भड़कने देंगे नफरत की मतवाली आग,
जवाब देंहटाएंशीतल जल की बौछारों से खेलेंगें हम फाग,
प्यार की बोलेंगे हम बोली।
आओ हम खेलें हिल-मिल होली।।
बहुत सु8न्दर सन्देश है। होली पर जो आजकल हुददंग होता है उससे होली का उल्लास कई बार जाता रहता है। ये सन्देश सब को जाना चाहिये। धन्यवाद। होली की हार्दिक शुभकामनायें।
अच्छी रचना..!!
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंउनको रंग लगाएँ, जो भी खुश होकर लगवाएँ,
बूढ़ों और असहायों को हम, बिल्कुल नहीं सताएँ,
करें मर्यादित हँसी-ठिठोली।
आओ हम खेलें हिल-मिल होली।।
सार्थक सन्देश देती अति-उत्कृष्ट रचना।
.
सार्थक सन्देश देती सुन्दर रचना ..आपके हर गीत में सन्देश होता है ..आभार
जवाब देंहटाएंहोली सारे भेद भुलाने को त्योहार है। सुन्दर कविता।
जवाब देंहटाएंसार्थक व उपयोगी सन्देश.
जवाब देंहटाएंटिप्पणीपुराण और विवाह व्यवहार में- भाव, अभाव व प्रभाव की समानता.
नहीं भड़कने देंगे नफरत की मतवाली आग,
जवाब देंहटाएंशीतल जल की बौछारों से खेलेंगें हम फाग-
bahut sateek abhvyaktee .Holi parv ki hardik shubhkamnayen
नहीं भड़कने देंगे नफरत की मतवाली आग,
जवाब देंहटाएंशीतल जल की बौछारों से खेलेंगें हम फाग,
प्यार की बोलेंगे हम बोली।
आओ हम खेलें हिल-मिल होली।।
भाई चारे का सन्देश देती बड़ी ही प्यारी पंक्तियाँ !
होली के रंग के साथ जीवन के रंगों का खूबसूरत ताल मेल !
आभार !
बहुत सार्थक सन्देश देता सुन्दर होली गीत...आभार
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी ओर सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंसार्थक सन्देश देती सुन्दर रचना|धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंबेहतरीन...
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना बधाई |होली के अवसर पर हार्दिक शुभ कामनाएं
जवाब देंहटाएंआशा
रंग भरे त्यौहार पर मर्यादित व्यवहार को प्रोत्साहित करती सार्थक रचना !
जवाब देंहटाएंसार्थक सन्देश देती अति-उत्कृष्ट रचना।
जवाब देंहटाएंरंगों का त्यौहार बहुत मुबारक हो आपको और आपके परिवार को|
जवाब देंहटाएंकई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
जवाब देंहटाएंबहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
नहीं भड़कने देंगे नफरत की मतवाली आग,
जवाब देंहटाएंशीतल जल की बौछारों से खेलेंगें हम फाग,
प्यार की बोलेंगे हम बोली।
आओ हम खेलें हिल-मिल होली।।
वाह वाह वाह वाह .
सही और सार्थक सन्देश होली पर्व पर.
नहीं भड़कने देंगे नफरत की मतवाली आग,
जवाब देंहटाएंशीतल जल की बौछारों से खेलेंगें हम फाग,
प्यार की बोलेंगे हम बोली।
आओ हम खेलें हिल-मिल होली।।
सार्थक रचना....बधाई...
होली की हार्दिक शुभकामनायें।