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रविवार, 2 अक्टूबर 2011
"श्यामल तन" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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विद्या का स्रोतस्थल।
जवाब देंहटाएंblack bord ki mahima bahut khoobsurti se ki hai.bahut sundar likha hai.meri post aapka intjaar kar rahi hai.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिखा है आपने ! गहरे भाव और अभिव्यक्ति के साथ ज़बरदस्त प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर कविता...सचमुच ब्लैक बोर्ड नहीं बदला
जवाब देंहटाएंबढिया प्रस्तुतिकरण....
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी कविता ....
जवाब देंहटाएंपर एक बात जरुर है आज कल ज्यादातर ब्लैक बोर्ड का स्थान लैपटॉप ने ले लिया है |
वाह सर, आपकी लेखनी किसी भी विषय पर एक समान उत्कृष्टता की साथ चलती है... सादर नमन...
जवाब देंहटाएंआभार ||
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजवाब.
जवाब देंहटाएंरामराम
वाह क्या बात है?
जवाब देंहटाएंDR.ROOPCHNDR JI AAPAKA SHYAM PAT ACHHA LAGA THANX
जवाब देंहटाएंश्याम-पट की निराली महिमा का गुणगान कर सबको शालेय जीवन की स्मृति दिला दी.सुंदर और मधुर कविता.
जवाब देंहटाएंbahut khoob kaha hai Roopchandra ji. shyam-patt ki mahimaa bahut nyari hai, bina iske na school mein chara na baad mein guajra. achchhi rachna, badhai.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना....
जवाब देंहटाएंब्लैक बोर्ड को भी याद कर लिया गया कविता में ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति!
this is too good.....!!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लगा! उम्दा प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंदुर्गा पूजा पर आपको ढेर सारी बधाइयाँ और शुभकामनायें !
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंसरल सुबोध रोचक प्रस्तुति सौदेश्य बालकों की अभी रूचि जगाती .आभार .
जवाब देंहटाएंआपने हिंदी ब्लॉगिंग में सरगर्म नेक और बद ताकतों को खूब पहचाना है, इसके लिए आपका शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंइसी के साथ आपने नेक और साफ दिल के लोगों को एक मंच पर जमा करने में भी कामयाबी पाई है, यह बडी बात है।
अच्छे काम वक्त के साथ अपनी अच्छाई जाहिर करते ही हैं, किसी की मुखालिफत इसके आडे न आ पाएगी,
आपके लिंक भी अच्छे हैं लायके मुबारकबाद हैं।
पाट पाट पटल श्याम आखर आखर राम..,
जवाब देंहटाएंपाठ पाठांतर नाम करत पाठक प्रनाम.....