थक गईं नजरें तुम्हारे दर्शनों की आस में। आ भी आओ चन्द्रमा तारों भरे आकाश में।। चमकते लाखों सितारें किन्तु तुम जैसे कहाँ, साँवरे के बिन कहाँ अटखेलियाँ और मस्तियाँ, गोपियाँ तो लुट गईं है कृष्ण के विश्वास में। आ भी आओ चन्द्रमा तारों भरे आकाश में।। आ गया मौसम गुलाबी, महकता सारा चमन, छेड़ती हैं साज लहरें, चहकता है मन-सुमन, पुष्प, कलिकाएँ, लताएँ मग्न हैं परिहास में। आ भी आओ चन्द्रमा तारों भरे आकाश में।। आज करवाचौथ पर मन में हजारों चाह हैं, सब सुहागिन तक रही केवल तुम्हारी राह हैं, चाहती हैं सजनियाँ साजन बसे हों पास में। आ भी आओ चन्द्रमा तारों भरे आकाश में।। |
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शनिवार, 15 अक्टूबर 2011
" आज करवाचौथ पर" ( डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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बहुत बेहतरीन!!!
जवाब देंहटाएंगीतिका छंद का स्मरण करा रही है आप की यह प्रस्तुति। करवा चौथ पर उम्दा पेशकश। बधाई।
जवाब देंहटाएंगुजर गया एक साल
खुबसूरत समन्वय सिध्हस्त करों से ,बस इतना ही कहना है सलामती की दुआओं के साथ ,मुबारकबाद .....सर !
जवाब देंहटाएंbahut khoobsurat kavita babu ji...aabhar
जवाब देंहटाएंNice post.
जवाब देंहटाएंएग्रीगेटर्स के होने और न होने को बराबर कर देने के लिए आपका शुक्रिया !
See
लक्ष्मण को इल्ज़ाम न दो
बहुत उत्तम।
जवाब देंहटाएंपुष्प, कलिकाएँ, लताएँ मग्न हैं परिहास में।
जवाब देंहटाएंआ भी जाओ चन्द्रमा तारों भरे आकाश में।।
बहुत ही सुन्दर रचना है शास्त्री जी सचमुच
बहुत बहुत बधाई हो आपको
मैं क्षमा चाहूँगा जो इतने दिनों से सोच रहा हू की मैं आखिरकार कब से अपनी चर्चाएं लगाना शुरू करू पर क्या करू मैं थोडा सा व्यस्त हो गया था सो नहीं कर पाया पर अब जरुर प्रयास करूँगा मैं जल्द ही सम्पर्क करता हूँ आपसे इस सम्बन्ध में
देखिए अब हम तो आ ही गए .हैं ..चन्द्रमा भी आ ही जाएगा शास्त्री जी --करवां-चौथ की बहुत-बहुत बधाई ..
जवाब देंहटाएंदीपावली में लक्ष्मी पूजन से पहले आज लक्ष्मी जी के वाहक उल्लुओं का पूजन होगा :)
जवाब देंहटाएंvery very nice post
जवाब देंहटाएंवाह ! बहुत खूब ! आ भी जाओ चन्द्रमा तारों भरे आकाश में ! बहुत-बहुत बधाई इस खूबसूरत रचना के लिए .
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचना।
जवाब देंहटाएंकरवा चौथ की शुभकामनाएं.............
bahut hi manbhavan sundar geet.
जवाब देंहटाएंकरवा चौथ पर बेहतरीन गीत
जवाब देंहटाएंबड़ी सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय मयंक जी नमस्काअर, आपने सुन्दार पक्तियां करवाचौथ पर लिखी है ।
जवाब देंहटाएंचमकते लाखों सितारें किन्तु तुम जैसे कहाँ,
जवाब देंहटाएंसाँवरे के बिन कहाँ अटखेलियाँ और मस्तियाँ,
गोपियाँ तो लुट गईं है कृष्ण के विश्वास में।
आ भी आओ चन्द्रमा तारों भरे आकाश में।।
वाह आपने तो आज के दिन का बहुत सुन्दर खाका खींचा है…………सुन्दर रचना।
bahut sundar shashtri ji..karvachoth par behatreen bhent...
जवाब देंहटाएंहमें तो वाकई यही कहना पढता है ...आ भी जाओ चंद्रमा..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंशुभ-कामनाएं ||
बहुत बढ़िया सर,
जवाब देंहटाएंसादर बधाई...
पतिव्रताओं के मर्म को अच्छा स्वर दिया आपने।
जवाब देंहटाएंचन्द्रमा सा ही खूबसूरत गीत!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत
जवाब देंहटाएंhaathon mein pooja ki thaali...aayee raat suhaagon wali
जवाब देंहटाएंवाह मधुर गीत है ...
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