विजयादशमी भक्ति दिवस है।। नाश हुआ पापी रावण का। हृदय प्रफुल्लित जन-गण-मन का।। अनाचार की हुई पराजय। सदा सत्य की होती है जय।। लेकिन आज सरोवर दूषित। खल-कामी हो रहे विभूषित।। महिमा छोड़ी राम-नाम की। पूजा होने लगी दाम की।। झूठी शान लोग दिखलाते। केवल पुतले आज जलाते।। अगर बचाना मानवता को। तजना होगा दानवता को।। |
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गुरुवार, 6 अक्टूबर 2011
" केवल पुतले आज जलाते" ( डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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झूठी शान लोग दिखलाते।
जवाब देंहटाएंकेवल पुतले आज जलाते।।
सही कहा आपने। यह सब अब महज औपचारिक ही लगता है। कई बार तो रावण ही रावण दहन करते दिख जाते हैं।
झूठी शान लोग दिखलाते।
जवाब देंहटाएंकेवल पुतले आज जलाते।।
Aur Kangda men to putla bhi nahi jalate sahab ,
Link :
http://hbfint.blogspot.com/2011/10/blog-post_2016.html
शिव के प्रति रावण की भक्ति से यहां के लोग इतने अभिभूत हैं कि वे रावण का पुतला जलाना नहीं चाहते।
उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों का विश्वास है कि रावण का पुतला जलाने का अर्थ दुर्भाग्य को बुलावा देना है। इसी कस्बे में जन्मे और पले-बढ़े 65 वर्षीय रमेश सूद ने कहा कि उन्होंने कभी दशहरा नहीं मनाया है। उन्होंने कहा कि चूंकि हमारे पूर्वज दशहरा नहीं मनाते थे इसलिए हम भी नहीं मनाते हैं। हमारे बच्चे और उनके भी बच्चे इस परम्परा को निभा रहे हैं।
विजयदशमी के अवसर पर प्रतीक रावण को जलाया जाता है...आपक़े दोहे बहुत ही सटीक हैं...वर्तमान परिस्थितियों में....
जवाब देंहटाएंरावण तो प्रकांड पंडित था... उसे उसके अहंकार ने खत्म किया और यह पर्व संदेश देता है कि अहंकार तो विश्वविजयी रावण का नहीं टिका... तो फिर आम इंसान क्या चीज हैं...
जवाब देंहटाएंबहरहाल अच्छी प्रस्तुति.....
मौजूदा दौर में सिर्फ रावण के पुतले का दहन होता है जिस दिन हम अपने भीतर के रावण यानि अहंकार का दहन कर देंगे ये दुनिया बेहतर हो जाएगी।
आभार आपका
विजयादशमी की शुभकामनाएं.....
लेकिन आज सरोवर दूषित।
जवाब देंहटाएंखल-कामी हो रहे विभूषित।।
कितनी सुन्दरता से वर्तमान की विसंगतियों को रेखांकित किया है आपने....
बहुत भायी सुन्दर रचना...
विजयादशमी की सादर बधाईयाँ....
guru ji...
जवाब देंहटाएंshubhkaamnaayein!!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंशुभ विजया ||
अच्छा चिंतन।
जवाब देंहटाएंकल 08/10/2011 को आपकी कोई पोस्ट!
जवाब देंहटाएंनयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद
झूठी शान दिखाते लोंग सिर्फ पुतले ही जलाते हैं , अपने भीतर अहंकार के रावण को नहीं ...
जवाब देंहटाएंसार्थक अभिव्यक्ति!
सबके अन्दर कितने रावण..
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह एक और शानदार प्रस्तुति .... विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंsateek samyik prastuti hetu aabhar!
जवाब देंहटाएंhey there uchcharan.blogspot.com owner found your blog via search engine but it was hard to find and I see you could have more visitors because there are not so many comments yet. I have found site which offer to dramatically increase traffic to your blog http://xrumerservice.org they claim they managed to get close to 1000 visitors/day using their services you could also get lot more targeted traffic from search engines as you have now. I used their services and got significantly more visitors to my blog. Hope this helps :) They offer backlink search engine seo executive backlink service backlink solutions Take care. steve
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