उपवन मुस्कायेगा!! कुहासे की चादर, धरा पर बिछी हुई। नभ ने ढाँप ली है, अमल-धवल रुई।। दिवस हैं छोटे, रोशनी मऩ्द है। शीत की मार है, विद्यालय बन्द है।। जल रहे हैं अलाव, आँगन चौराहों पर। चहल-पहल कम है, पगदण्डी-राहों पर।। सूरज अदृश्य है, पड़ रहा पाला है।। पर्वत ने ओढ़ लिया, बर्फ का दुशाला है।। मन में एक आशा है, अब बसन्त आयेगा! खिल जायेंगे नव सुमन, उपवन मुस्कायेगा!! |
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मंगलवार, 24 जनवरी 2012
"अब बसन्त आयेगा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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ये प्रभु की लीला है ,की हर कुहासे के उपरान्त सुनहरी आभा के साथ वसंत ज़रूर आता है..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति..
kalamdaan.blogspot.com
सर्दी में सर्दीले हुए जज्बात...
जवाब देंहटाएंक्या बात क्या बात क्या बात.....:)
सर्दी में सर्दीले हुए जज्बात...
जवाब देंहटाएंक्या बात क्या बात क्या बात.....:)
khoobsurat prastuti babu ji... aabhar
जवाब देंहटाएंसूरज अदृश्य है,
जवाब देंहटाएंपड़ रहा पाला है।।
पर्वत ने ओढ़ लिया,
बर्फ का दुशाला है।।
मन में एक आशा है,
अब बसन्त आयेगा!
खिल जायेंगे नव सुमन,
उपवन मुस्कायेगा!!
बहुत सुन्दर !
बहुत सुंदर प्रस्तुति,.
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सलोनी रचना..
जवाब देंहटाएंjaldi aaye ye vasant sardi jaldi jaaye.bahut sundar geet likha hai.
जवाब देंहटाएंआने वाली है बसंत पंचमी...आपने अभी से माहौल बना दिया...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता।
जवाब देंहटाएंनई आशायें, नया सवेरा. कुहरा कभी तो छंटेगा.
जवाब देंहटाएंनई आशायें, नया सवेरा. कुहरा कभी तो छंटेगा.
जवाब देंहटाएंमन में एक आशा है,
जवाब देंहटाएंअब बसन्त आयेगा!
खिल जायेंगे नव सुमन,
उपवन मुस्कायेगा!!
सही कहा...अब बसंत का ही इतजार है,शास्त्री जी . सुदर रचना
बहुत सुंदर प्रस्तुति,भावपूर्ण अच्छी रचना,..
जवाब देंहटाएंWELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....
swagat is baasanti geet ka ...
जवाब देंहटाएंdhnya kar diya
aapki jai ho daddu !
बहुत सुंदर ...
जवाब देंहटाएंमन में एक आशा है,
जवाब देंहटाएंअब बसन्त आयेगा!
खिल जायेंगे नव सुमन,
उपवन मुस्कायेगा!!
शीत का मौसम इस गीत से और भी सुहाना हो गया,वाह !!!!
मन में एक आशा है,
जवाब देंहटाएंअब बसन्त आयेगा!
खिल जायेंगे नव सुमन,
उपवन मुस्कायेगा!!
आने वाले बसंत की शुभकानाएं
मन में एक आशा है,
जवाब देंहटाएंअब बसन्त आयेगा!
खिल जायेंगे नव सुमन,
उपवन मुस्कायेगा!!बहुत सुंदर.
मन में एक आशा है, अब बसन्त आयेगा! खिल जायेंगे नव सुमन, उपवन मुस्कायेगा!!
जवाब देंहटाएंbahut khoob...
आस की उजास की सकारात्मक भाव की रचना .
जवाब देंहटाएंफिर बसंत आयेगा .नए परिधान लाएगा .
शीत मौसम का बहुत सुन्दर वर्णन किया है...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुती...