♥ गणेशचतुर्थी पर विशेष ♥
इस अवसर पर
मेरी जीवन संगिनी
श्रीमती अमर भारती के स्वर में!
विघ्न विनाशक-सिद्धि विनायक।
कृपा करो हे गणपति नायक!!
सबसे पहले तुमको ध्याता,
चरणयुगल में शीश नवाता,
आदि देव जय-जय गणनायक।
कृपा करो हे गणपति नायक!!
पार्वती-शिव के तुम नन्दन,
करते सभी तुम्हारा वन्दन,
सबको देते फल शुभदायक!
कृपा करो हे गणपति नायक!!
लेकर धूप-दीप और चन्दन,
सारा जग करता अभिनन्दन,
मैं अबोध अनुचर अनुगायक!
कृपा करो हे गणपति नायक!!
मूषक-मोदक तुमको प्यारे,
विपदाओं को टारनहारे,
निर्बल के तुम सदा सहायक!
कृपा करो हे गणपति नायक!!
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सोमवार, 9 सितंबर 2013
♥ गणेशचतुर्थी पर विशेष ♥ (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बंदिश और तरन्नुम दोनों मनभावन माधुर्य लिए।
जवाब देंहटाएंbahut hee sundar vandana ..Ganesh chaturdashi par shubhkaamnayen
जवाब देंहटाएंवाह!!! अमर जी की आवाज में ..बहुत मिठास भरी आवाज और बड़ी कोमलता से बढिया भक्ति गान किया..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गणेश वन्दना और सुन्दर सामयिक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंगणेशचतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें!
मधुर आवाज में बहुत सुंदर गणेश वन्दना |
जवाब देंहटाएंगणेशचतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें,
RECENT POST : समझ में आया बापू .
आप को भी गणेश चतुर्थी कीआप को बहुत बहुत शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंसुंदर गणेश-वंदना ....मधुर भक्तिभाव पूर्ण गायन .....साथ ही सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंगणेश चतुर्थी की शुभ कामनाएं ...
बहुत मनभावन जुगलबंदी शब्दों और आवाज की !
जवाब देंहटाएंमधुर स्वर में सुंदर वन्दना..
जवाब देंहटाएंगणेश चतुर्थी की शुभकामनायें..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना है। कृपया बतलाएं गणेश चतुर्थी का चाँद देखना अशुभ क्यों समझा जाता है।
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