-- जो करता है अच्छे काम। उसका ही होता है नाम।। -- मर्यादा जो सदा निभाता। उसको राम पुकारा जाता। -- राम नाम है सबसे प्यारा। निर्बल का है एक सहारा।। -- सदाचार होता सुखदायक। जिससे राम बने गणनायक।। -- समता का व्यवहार किया। जीवन का आधार दिया।। -- जब आई सम्मुख अच्छाई।। हुई पराजित सकल बुराई।। -- करो न कुंठित प्रतिभाओं को। करो साक्षर ललनाओं को।। -- हो हर बालक राम जब। विश्वगुरू हो देश तब।। -- |
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शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2020
बालकविता "हो हर बालक राम" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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बहुत सुन्दर बाल रचना
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२४-१०-२०२०) को 'स्नेह-रूपी जल' (चर्चा अंक- ३८६४) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
--
अनीता सैनी
आदरणीय सर,
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारी बाल कविता। पढ़ कर बहुत आनंद आया।
भगवान राम का परिचय बच्चों से कराती एक प्यारी सुखद अभिव्यक्ति और अंत में बहुत प्यारा सा सन्देश। सुंदर रचना के लिये हृदय से आभार।
साथ ही साथ आपसे सविनय निवेदन है कि मेरे ब्लॉग पर भी आयें। मैं यहाँ अपने ब्लॉग की लिंक कॉपी नहीं कर पा रही पर यदि आप मेरे नाम पर क्लिक करें तो आप मेरे प्रोफ़ाइल पर पहुंच जाएंगे, वहाँ मेरे ब्लॉग के नाम "काव्यतरंगिनी" पर क्लिक करियेगा, आपको मेरे ब्लॉग तक ले जाएगा । आपका मेरे ब्लॉग पर आना मेरे लिये सौभाग्य की बात होगी। आपके प्रोत्साहन व आशीष के लिए आभारी रहूँगी। सादर प्रणाम।
बहुत प्रेरक बच्चों में मूल्य जाग्रत करती बहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत सुंदर रचना आदरणीय।
जवाब देंहटाएं