-- सम्बन्धों का है यहाँ, अजब-गजब संसार। घरवाली से भी अधिक, साली से है प्यार।। -- अपनी बहनों से नहीं, भाई करते प्यार। किन्तु सालियों से करें, प्यारभरी मनुहार।। -- जीजा-साली का बहुत, होता नाता खास। जिनके साली हैं नहीं, वो हैं बहुत उदास।। -- साली से अनुराग है, सालों से ससुराल। साली जीजा का रखे, सबसे ज्यादा ख्याल।। -- साली जीजा के लिए, होती है अनुकूल। लगती उसकी गालियाँ, जीजा जी को फूल।। -- साली के बिन तो लगे, सूना सब संसार। सम्बन्धों का सालियाँ, होती हैं आधार।। -- छोटी हो चाहे बड़ी, साली रस की खान। इसीलिए तो सब करें, साली का गुणगान।। -- साली है ऐसा सुमन, जिसमें है मकरन्द। साली की तो गन्ध से, मिल जाता आनन्द।। -- कभी रहे इकरार तो, कभी रहे इनकार। जीजा साली में चले, मधुर-मधुर तकरार।। -- जब करती हैं सालियाँ, खुलकर हँसी मजाक। घरवाली यह देखकर, रह जाती आवाक।। ---- आधी घरवाली नहीं, कहना इसको मित्र। रखना हरदम चाहिए, अपना साफ चरित्र।। |
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शनिवार, 10 अक्टूबर 2020
दोहे "साली से है प्यार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बिल्कुल सही कहा कि साली को कभी भी आधी घरवाली बोल कर उसका अपमान नही करना चाहिए। बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंआधी घरवाली नहीं, कहना इसको मित्र।
जवाब देंहटाएंरखना हरदम चाहिए, अपना साफ चरित्र।।
सही कहा हँसी मजाक अलग बात है पर साली को आधी घरवाली कहकर अपने चरित्र को खराब न करें...।
सुन्दर दोहे।
सम्बन्धों का है यहाँ, अजब-गजब संसार।
जवाब देंहटाएंघरवाली से भी अधिक, साली से है प्यार।।
जीजा साली पर भी बहुत ही सटीक लाइन है
सुन्दर दोहे
जवाब देंहटाएं''साली से अनुराग है, सालों से ससुराल। साली जीजा का रखे, सबसे ज्यादा ख्याल।।'''
जवाब देंहटाएंसाली वाला अनुराग क्या होता है, नहीं पता !
अलबत्ता सालों से ससुराल का स्नेह जरूर मिला
आधी घरवाली नहीं, कहना इसको मित्र।
जवाब देंहटाएंरखना हरदम चाहिए, अपना साफ चरित्र।।
..सौ बात की एक बात