तुम पंचदेव में महादेव!! -- तुम विघ्नविनाशक के ताता जो तुमको मन से है ध्याता उसका सब संकट मिट जाता भोले-भण्डारी महादेव! तुम पंचदेव में महादेव!! -- कर्ता-धर्ता-हर्ता सुधीर तुम सुरसेना के महावीर दुर्गम पर्वतवासी सुबीर हे निराकार-साकार देव! तुम पंचदेव में महादेव!! -- नन्दी तुमको लगता प्यारा माथे पर शशि को है धारा धरती पर सुरसरि को तारा हे कालकूट हे महादेव! तुम पंचदेव में महादेव!! -- त्रिशूल. जटा, डमरूधारी दुष्टों के हो तुम संहारी बाघम्बरधारी वनचारी हे दुष्टदलन, हे महादेव! तुम पंचदेव में महादेव!! जो शंकर की पूजा करता पापकर्म से वो है डरता भवसागर से वो ही तरता उस पर करते तुम कृपा देव! तुम पंचदेव में महादेव!!
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शुक्रवार, 12 मार्च 2021
शिव वन्दना "हे निराकार-साकार देव" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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ॐ नम: शिवाय .
जवाब देंहटाएंबहुत भावपूर्ण गीत . मन बस शिवमय हो गया
ॐ नम: शिवाय
जवाब देंहटाएंMere Blog Par Aapka Swagat Hai.
बहुत सुंदर भोलेशंकर का गुणगान करती अनुपम रचना..
जवाब देंहटाएंसुंदर भगवंत भक्ति में रचा-बसा पावन सृजन।
जवाब देंहटाएंसादर।
अद्भुत गीत प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसादर नमन