हृदय से निकले हुए उद्गार दूँगा।। -- उन्नति की राह पर बढ़ते रहो तुम, नित्य नवसोपान पर चढ़ते रहो तुम, ज्ञानवर्धक पोथियाँ पढ़ते रहो तुम, गर भटक जाओ कभी मझधार में, पार करने को तुम्हें पतवार दूँगा। हृदय से निकले हुए उद्गार दूँगा।। -- काम से अपने कभी मत जी चुराना, प्यार का वातावरण घर में बनाना, चापलूसों को कभी मत मुँह लगाना, लक्ष्य से अपने भटकना मत कभी, सभ्यता का मैं तुम्हें आधार दूँगा। हृदय से निकले हुए उद्गार दूँगा।। -- दीप बनकर बाँटना सबको उजाला, सदन होता है हमेशा पाठशाला, सुमन से अपने बनाना मंजुमाला, मत लगाना गलत सुर संगीत में, मनुहार के बदले तुम्हें में प्यार दूँगा। हृदय से निकले हुए उद्गार दूँगा।। -- आज घर-परिवार में खुशियाँ समायी, जन्मदिन की प्राञ्जल तुमको बधायी, प्रेम से खाओ खुशी की तुम मिठायी, नाम कुल का तुम बढ़ाना विश्व में, मैं तुम्हें आशीष बारम्बार दूँगा। हृदय से निकले हुए उद्गार दूँगा।। -- |
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शुक्रवार, 5 मार्च 2021
पौत्र का जन्मदिन "आज कुछ उपहार दूँगा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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प्रांजल को जन्मदिन की अशेष शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंचिरंजीव प्रांजल को जन्मदिन पर यह जो आपने गीत के रूप में उपहार दिया है वह बहुत भाग्यशाली लोगों के भी बिरले ही नसीब होता होगा।
बहुत सुंदर गीत ... आशीर्वचनों से सराबोर..।
प्रिय प्रांजल को जन्मदिन पर अनंत शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद 🙏
सादर,
डॉ. वर्षा सिंह
प्रांजल को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई... सुन्दर गीत..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर उपहार ! चिरंजीव प्रांजल को जन्मदिन पर अनंत शुभकामनाएँ....
जवाब देंहटाएंप्रांजल को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 💐💐
जवाब देंहटाएंप्रांजल आपको जन्म दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसदा नव ऊंचाईयों को छूते रहो आप।
बहुत सुंदर प्रेरणादायक सृजन।
सादर।