मित्रों! आज जल दिवस पर प्रस्तुत हैं कुछ दोहे सीमित है संसार में, पानी का भण्डार। व्यर्थ न नीर बहाइए, जल जीवन आधार।। -- किया किसी ने भी अगर, पानी को बेकार। हो जायेगा एक दिन, वो जल को लाचार।। -- ओस चाटने से बुझे, नहीं किसी की प्यास। जीव-जन्तुओं के लिए, जल जीवन की आस।। -- गन्धहीन-बिन रंग का, पानी का है अंग। जिसके साथ मिलाइए, देता उसका रंग।। -- जल अमोल है सम्पदा, मानव अब तो चेत। निर्मल जल के पान से, सोना उगलें खेत।। -- वृक्ष बचाते धरा को, देते सुखद समीर। लहराते जब पेड़ हैं, घन बरसाते नीर।। -- |
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सोमवार, 22 मार्च 2021
दोहे "सीमित है संसार में, पानी का भण्डार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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विश्व जल संरक्षण दिवस पर आपके बेहतरीन दोहों ने मन प्रसन्न कर दिया।
जवाब देंहटाएंसाधुवाद आदरणीय 🙏
सादर,
डॉ. वर्षा सिंह
जल की क़ीमत और महिमा का गुणगान करते प्रेरक और संदेशपूर्ण दोहे,विश्व जल संरक्षण दिवस पर आपकी उक्तियाँ बहुत महत्वपूर्ण हैं।सादर नमन आपको।
जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (23-3-21) को "सीमित है संसार में, पानी का भण्डार" (चर्चा अंक 4014) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
--
कामिनी सिन्हा
जल अमोल है सम्पदा, मानव अब तो चेत।
जवाब देंहटाएंनिर्मल जल के पान से, सोना उगलें खेत।।
अति उत्तम सृजन ।
बहुत ही सार्थक रचना
जवाब देंहटाएंजल ही जीवन है
कविता के रूप में अभिव्यक्त आपके विचार जल संरक्षण दिवस पर ही नहीं, वर्तमान काल के प्रत्येक दिवस पर सार्थक हैं, मनन एवं अमल करने योग्य हैं ।
जवाब देंहटाएंजल की महत्ता को दर्शाते सुंदर दोहे
जवाब देंहटाएंजल के महत्व को दर्शाते इन दोहों के लिए आपको ढेरों बधाईयाँ। दुख इस बात का है कि पानी से भरपूर इलाकों के लोग पानी का उपयोग कम दुरूपयोग ज्यादा करते हैं। काश कि लोगों को समझ आए कि पानी की बर्बादी एक दिन हमें कहीं का नहीं छोड़ेगी। आपको ढेरों शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंजल अमोल है सम्पदा, मानव अब तो चेत।
जवाब देंहटाएंनिर्मल जल के पान से, सोना उगलें खेत।।
झल की महत्ता बताते बहुत ही लाजवाब दोहे...।
बेहतरीन दोहे आदरणीय।
जवाब देंहटाएं