मना रहे थे लोग जब, होली का त्यौहार। पौत्र रत्न के रूप में, मुझे मिला उपहार।। -- जन्मदिवस पर पौत्र को, देता हूँ आशीष। पढ़-लिखकर बन जाइए, वाणी के वागीष।। -- कुलदीपक के साथ में, बँधी हुई ये आस। तुमसे ही गुलजार है, मेरा ये आवास।। -- सारे जग में देश का, रौशन करना नाम। नयी सोच के साथ में, करना अच्छे काम।। -- कठिन राह को देखकर, नहीं मानना हार। दीर्घ आयु की कामना, करता है परिवार।। -- आगे बढ़ने के लिए, रखो इरादे नेक। उन्नति के खुल जायगें, पथ में द्वार अनेक।। -- दीन-दुखी असहाय का, रखना हरदम ध्यान। देते हैं श्रमशील को, ज्ञान सदा इंसान।। -- गुरू और माता-पिता, आदर के हैं योग्य। जिन पर इनकी हो कृपा, वो ही बने सुयोग्य।। -- |
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
गुरुवार, 4 मार्च 2021
पाँच मार्च "पौत्र रत्न के रूप में, मुझे मिला उपहार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि ...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
जन्मदिवस पर पौत्र को, देता हूँ आशीष।
जवाब देंहटाएंपढ़-लिखकर बन जाइए, वाणी के वागीष।।
आदरणीय शास्त्री जी,
आपके चिरंजीवी पौत्र को जन्मदिन पर अनंत शुभकामनाएं 🙏
आपके आशीर्वचन के दोहे बहुत शानदार हैं। साधुवाद 🙏
सादर,
डॉ. वर्षा सिंह
मंगलकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 05-03-2021) को
"ख़ुदा हो जाते हैं लोग" (चर्चा अंक- 3996) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित हैं।
धन्यवाद.
…
"मीना भारद्वाज"
आशीष रूप में बहुत अच्छी पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंआपके पौत्र को जन्मदिन के अवसर पर शुभाशीष
सुन्दर सृजन । शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंहमारी भी शुभकामनाएँ पहुँचें । दोहे हमेशा की तरह सुंदर ।
जवाब देंहटाएंदोहे के रूप में जन्मदिन का सुंदर तोहफा..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब, मेरी शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंअति सुंदर कविता हेतु आपका अभिनंदन आदरणीय शास्त्री जी तथा आपके पौत्र को ढेरों आशीष ।
जवाब देंहटाएंवाह!बहुत सुंदर उपहार चि. पौत्र के लिए💐💐💐💐
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएँँ ।
पौत्र के जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएँँ सर,सादर नमन सर
जवाब देंहटाएंआदरणीय, आपके पौत्र को जन्मदिन पर अनंत शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई 💐💐💐
जवाब देंहटाएंआशीष स्वरूप अभिव्यक्त आपके दोहों को नमन 🌹🙏🌹