सुबह-सवेरे कलरव करते, कागा शुक कोकिल उपवन में। जो होते आजाद परिन्दे, वो उड़ते उन्मुक्त गगन में।। दिन निकला सूरज उग आया, चहक उठा है संसार समूचा। लोग सैर को निकल पड़े जब, तब गुलजार हुआ हर कूचा। मौसम कितना हुआ सुहाना, धूप निकल आयी आँगन में। जो होते आजाद परिन्दे, वो उड़ते उन्मुक्त गगन में।। जल का सोत धरा के नीचे, नहीं गगन का आदि-अन्त है। जब सुख की बहती पुरवाई, तब समझो आया बसन्त है। नेह-नीर से सिंचित कर लो. आयेगी बहार गुलशन में। जो होते आजाद परिन्दे, वो उड़ते उन्मुक्त गगन में।। खाना-पीना मौज मनाना, ये सब तो करते अज्ञानी। जो जीवन का मर्म समझता, वो ही तो है ज्ञानी-ध्यानी। भोगे रहते लिप्त भोग में, योगी बैठे हैं आसन में। जो होते आजाद परिन्दे, वो उड़ते उन्मुक्त गगन में।। माँ की ममता, प्यार पिता का, सबको नहीं हमेशा मिलता। बाधाओं से लड़ना पड़ता, सुमन नहीं कहने से खिलता। मौसम नहीं एक सा रहता, क्षणभंगुर से इस जीवन में। जो होते आजाद परिन्दे, वो उड़ते उन्मुक्त गगन में।। चाहे
जितना जतन करो तुम, पीले
पत्ते हरे न होते। पल-छिन
का भी पता नहीं है, उड़
जायें जाने कब तोते। पतझड़
की मारी बगिया में, आँसू
पीते फूल चमन में। |
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रविवार, 2 जनवरी 2022
गीत "उड़ जायें जाने कब तोते" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (03-01-2022 ) को 'नेह-नीर से सिंचित कर लो,आयेगी बहार गुलशन में' (चर्चा अंक 4298) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
सच आजाद परिन्दे ही लम्बी उड़ान भर कर जीवन का मर्म समझ पाते हैं .. माया-मोह में फंसा जीव ताउम्र जीवन का मर्म समझ ही नहीं पाता है
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जीवन सीख भरी प्रस्तुति
गहन रचना आदरणीय...।
जवाब देंहटाएंसुंदर गीत सुंदर सार्थक भाव।
जवाब देंहटाएंनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं आदरणीय।
सादर।