किलकारी की गूँज सुनाती, परिवारों को यही बसाती। नारी नर की खान रही है, जन-जन का अरमान रही है। बिटिया की महिमा अनन्त है, इससे ही घर में बसन्त है। |
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सच्ची अभिव्यक्ति । परिवार में बेटी की भूमिका महत्वपूर्ण है । आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर बात कहि आपने.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत सुन्दर ..
जवाब देंहटाएंBAHUT KHUB LIKHTE HO.
जवाब देंहटाएंMUJHE TO SCHOOL KE LIYE EN KAVITAO KO BACHCHO KO SIKHANE KE LIYE AAPKI ANUAMTI CHAHIYE JANAB.
RAMESH SACHDEVA
DIRECTOR,
HPS DAY-BOARDING SENIOR SECONDARY SCHOOL,
"A SCHOOL WHERE LEARNING & STUDYING @ SPEED OF THOUGHTS"
SHERGARH (M.DABWALI)-125104
DISTT. SIRSA (HARYANA) - INDIA
HERE DREAMS ARE TAKING SHAPE
+91-1668-230327, 229327
www.haryanapublicschool.wordpress.com
सही कहा..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर अभिवयक्ति
जवाब देंहटाएंआभार
बहुत सही कहा है बिटिया की महिमा से बाखूबि वकिफ हून सुन्दर रचना के लिये बधाई
जवाब देंहटाएंवो घर भी क्या घर है,
जवाब देंहटाएंजहां बेटियां न हों.
सुन्दर रचना.
bahut achha laga !
जवाब देंहटाएंसत्य वचन!!बिटिया की महिमा अनन्त!
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