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शास्त्री जी वाकई आजादी बेडा गर्क हो गया है
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी, इससे बड़ा सच अब भला और क्या बोल सकता है कोई ? बहुत सुन्दर !!
जवाब देंहटाएंजहाँ न्याय, अन्याय पर ही टिका हो,
जवाब देंहटाएंवो आजादी बेड़ा-गड़क बन गई है।
नाजुक लता अब कड़क बन गई है।।"
बिल्कुल सही कहा है आपने शास्त्री जी ।
बिल्कुल सही कहा है आपने शास्त्री जी ।
जवाब देंहटाएंaazadi ka galat istemal kiya jayega to yahi haal hoga ......aazadi ka mol wo kya jaane jinhone gulami na jheli ho.bahut sahi likha hai aapne.aaj desh ka isiliye beda garak ho raha hai.
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
Bahut sundar bhav hain.
जवाब देंहटाएंThink Scientific Act Scientific
aap bahut achcha likhte hain.
जवाब देंहटाएंजहाँ न्याय, अन्याय पर ही टिका हो,
जवाब देंहटाएंवो आजादी बेड़ा-गड़क बन गई है।
नाजुक लता अब कड़क बन गई है।।"
बिलकुल सच लिखा है बहुत बडिया कविता है बधाई
आप की कविता का एक एक शवद सच मै डुबा है, बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
सच है. बेडा गर्क ही है.
जवाब देंहटाएंसच्चाई को आपने बखूबी प्रस्तुत किया है! शानदार रचना!
जवाब देंहटाएंजहाँ न्याय, अन्याय पर ही टिका हो,
जवाब देंहटाएंवो आजादी बेड़ा-गड़क बन गई है। .......sach kaha aapne....