दूज के इस तिलक में यही भावना।।
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सोमवार, 19 अक्टूबर 2009
"दूज के इस तिलक में यही भावना" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
दूज के इस तिलक में यही भावना।।
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रोशनी से भरे दीप जलते रहें,
जवाब देंहटाएंनेह के सिन्धु नयनों में पलते रहें
बहुत खूब, भाईयो के लिये तो बहनो की यही कामना है.
मेरी भइया तुम्हारी हो लम्बी उमर,
जवाब देंहटाएंकर रही हूँ प्रभू से यही कामना।
लग न जाये किसी की न तुमको नजर,
दूज के इस तिलक में यही भावना।।
बहुत सुन्दर शास्त्री जी भैया दूज की आपको बधाई
शास्त्री जी भैयादूज पर आपको ढेरों शुभकामनायें....दूज पर भी कविता लिखी आपने..ये कितना सुखद सा है....
जवाब देंहटाएंथालियाँ रोली चन्दन की सजती रहें,
जवाब देंहटाएंसुख की शहनाइयाँ रोज बजती रहें,
पूर्ण हों भाइयों की सभी साधना।
दूज के इस तिलक में यही भावना।।
बहुत खूब,भैया दूज की आपको बधाई !!
मयंक जी इस बहन की मंगल कामनायें भी स्वीकार करें । पूरे परिवार को मेरी बधाइ और शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंभैया दूज पर मेरी तरफ से रोली और टीका स्वीकार करें। इस दुनिया पर बहन और भाई का प्रेम हमेशा बना रहे। बढिया कविता के लिए बधाई।
जवाब देंहटाएंबहनों की भावनाओं को खूबसूरती से व्यक्त किया है आपने , मेरी हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंभाई दूज पर आपने बहुत ही सुंदर कविता लिखा है जो दिल को छू गई! आज का दिन भाई और बहन दोनों के लिए ही खास है! आपको बधाई और शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी, भैया दूज पर आपको ढेरों शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंwaah waah.........bahut sundar kavita likhi hai shastri ji.
जवाब देंहटाएंbhaidooj ki dheron badhaiyan.
बहुत सुंदर कविता भैया दूज पर, आप सब को बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंROSHNI SE BHARE DEEP JALTE RAHEN!
जवाब देंहटाएंAAP YOON HEE SHABDON KEE DEEPAK JALATE RAHEN! MAIN AAPKE SUNDAR TIPPANIYON KE LIYE AAPKO DHANYAWAD!
सुन्दर रचना शास्त्री जी ......... आपको दूज की बहुत बहुत बधाई ...........
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ!
बहुत सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत खूब भाई बहन के प्यार से लबालब भरी रचना.
जवाब देंहटाएंप्यारी सी कविता।
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