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रविवार, 11 अक्टूबर 2009
"चलता-फिरता हास्य" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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बहुत खूब
जवाब देंहटाएंये ब्लोगिस्तान का बुड्ढा है कौन
जैसे ही सुर बिगड़ा, तबले का बन गया नगाड़ा है,
जवाब देंहटाएंचोटी खींच रहा है कोई, कोई खींचता नाड़ा है,
कुश्तम-कुश्ता शुरू हो गयी, दोनों हैं मैदान में।
गुड़िया बसी विदेशों में, और बुड्ढा ब्लॉगिस्तान में।।................................../////////////////////////////////////////////खूब........बहुत खूब
वाह!क्या बात है।
जवाब देंहटाएंमैदान में ही हैं ना? :-)
जवाब देंहटाएंबी एस पाबला
यह ब्लॉगिस्तान के लिए एकदम अनूठी रचना है,
जवाब देंहटाएंपर एक बात अच्छी नहीं लगी ... ... .
बहुत ही उम्दा...........
जवाब देंहटाएंमज़ा आ गया............
----अच्छा नगाड़ा बजाया दोनों का...........हा हा हा
वाह! बहुत खूब!!
जवाब देंहटाएंबुड्ढा ब्लॉगिस्तान में।
जवाब देंहटाएंkaun hai bhai?
जैसे ही सुर बिगड़ा, तबले का बन गया नगाड़ा है,
जवाब देंहटाएंचोटी खींच रहा है कोई, कोई खींचता नाड़ा है,
कुश्तम-कुश्ता शुरू हो गयी, दोनों हैं मैदान में।
गुड़िया बसी विदेशों में, और बुड्ढा ब्लॉगिस्तान में।।
बेचारा बुड्ढा ! हा-हा-हा....!
बुढा गुडिया कहीं भी जाए, बस आप तो बने रहें ब्लॉगिस्तान में...
जवाब देंहटाएंरवि जी!
जवाब देंहटाएंयह तो हास्य है।
एक कवि होने के नाते अपने आस-पास होने वाली हलचल से आँखें भी तो नही मूँदी जा सकती।
फिर भी कोई कमी रह गई हो तो इंगित कर दे।
अभी इस कविता में बहत गुञ्जाइस है।
पर एक बात अच्छी नहीं लगी ... ... .
जवाब देंहटाएंअरे, यह बुड्ढा कौन है?
यह तो आपने बताया ही नहीं!
वाह! क्या बात है।
जवाब देंहटाएंवाह...बहुत खूब....!
जवाब देंहटाएंबुड्ढे और गुड़िया को आप सभी लोग समझते हैं।
फिर भी मुझसे ठग-ठग कर पूछ रहें हैं।
हमारा सामान्य ज्ञान कुछ कम है, हमें ना तो बुढढा पहचान आ रहा है और ना ही गुडिया। लेकिन तुकबन्दी है मजेदार। बधाई।
जवाब देंहटाएंगुड़िया बसी विदेशों में, और बुड्ढा ब्लॉगिस्तान में।।
जवाब देंहटाएंगुडिया कोन से देश मै है कोई अता पता दो तो हम उस से बात कर के समजाये कि बुड्ढा दुसरी गुडिया ढुढ रहा है....
वेसे हमारी समझदानी मै कुछ नही पडा कि माजरा क्या है??
गुडिया अभी तक गुडिया ही है ?
जवाब देंहटाएंज़रूर कोई ग़लतफ़हमी हो गयी है.
वैसे मज़ा आ गया. भई , वाह.
bahut hi badhiya vyangya hai...........badhayi.
जवाब देंहटाएंAustralia wali Gudiya ka kissa khatam nahin hua..mahabharat jaari hai.
जवाब देंहटाएं'UK wali' gudiya ,India mein hi rahti hai.
Dono aati hongi abhi.
वाह ! बहुत खूब! बढ़िया लगा!
जवाब देंहटाएंhahhaha wah! bahut khoob.......
जवाब देंहटाएंगजब का डायनामिक हास्य ।
जवाब देंहटाएंआभार ।
बहुत खूब है ये गुडिया भी और बुढा भी ..
जवाब देंहटाएंहाहा हाहा ..बहुत खूब.
जवाब देंहटाएंबहुत दिनों से बाहर-बाहर, घिरा मैं नखलिस्तान में !
जवाब देंहटाएंकैसे लिख दूँ गज़ब बात है, आपके ब्लोगिसतान में !!
सादर, आ.
शास्त्री जी, गंभ्हेर रचनाएँ छोड़कर यह मस्त मौला रचना भी अच्छी लगी....ऐसा लगा होली (फाग) की छेड़-छाड़ आप दीवाली पर कर रहे हैं...मजेदार
जवाब देंहटाएं