मखमली लिबास आज तार-तार हो गया! मनुजता को दनुजता से आज प्यार हो गया!! सभ्यताएँ मर गईं हैं, आदमी के देश में, क्रूरताएँ बढ़ गईं हैं, आदमी के वेश में, मौत की फसल उगी हैं, जीना भार हो गया! मनुजता को दनुजता से आज प्यार हो गया!! भोले पंछियों के पंख, नोच रहा बाज है, गुम हुए अतीत को ही, खोज रहा आज है, शान्ति का कपोत बाज का शिकार हो गया! मनुजता को दनुजता से आज प्यार हो गया!! पर्वतों से बहने वाली धार, मैली हो गईं, महक देने वाली गन्ध भी, विषैली हो गई, जिस सुमन पे आस टिकी, वो ही खार हो गया! मनुजता को दनुजता से आज प्यार हो गया!! |
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रविवार, 16 मई 2010
“मखमली लिबास” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
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वाह बहुत सुंदर रचना है.
जवाब देंहटाएंरचना किस विषय पर है समझ में नहीं आया ?
जवाब देंहटाएंhttp://madhavrai.blogspot.com/
http://qsba.blogspot.com/
मखमली लिबास से शायद राज नेताओं की तरफ इशारा है
जवाब देंहटाएंwaah ! ustaad wah !
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी हमेशा की तरह से सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसभ्यताएँ मर गईं हैं, आदमी के देश में,
जवाब देंहटाएंक्रूरताएँ बढ़ गईं हैं, आदमी के वेश में,
मौत की फसल उगी हैं, जीना भार हो गया!
मनुजता को दनुजता से आज प्यार हो गया!!
खूबसूरती से आज के परिवेश को लिखा है....चिंतनीय विषय..
bahut hi sundar rachna............badi gahri aur gambhir baat kahi hai.
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा प्रवाहमयी!!
जवाब देंहटाएंमार्वेलस!! इतना ही कहूंगा ... शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंमहाकाव्य लिख डालो इतना पतन दिखाई देता है
घोर गरीबी में जकड़ा ये वतन दिखाई देता है ।
जनता की आशाओं पर इक कफन दिखाई देता है।
उजड़ा उजड़ा सच कहता हूँ चमन दिखाई देता है ।
ati sundar..!
जवाब देंहटाएंकुछ हालातो को सही ढंग से पेश किया ,,,बढ़िया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह से सुंदर रचना.......
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह........... एक और सुंदर रचना.......बधाइयाँ !!
जवाब देंहटाएंमहिलाओं में श्रेष्ठ ब्लागर कौन- जीतिए 21 हजार के इनाम
जवाब देंहटाएंपोस्ट लिखने वाले को भी मिलेगी 11 हजार की नगद राशि
आप सबने श्रेष्ठ महिला ब्लागर कौन है, जैसे विषय को लेकर गंभीरता दिखाई है. उसका शुक्रिया. आप सबको जलजला की तरफ से एक फिर आदाब. नमस्कार.
मैं अपने बारे में बता दूं कि मैं कुमार जलजला के नाम से लिखता-पढ़ता हूं. खुदा की इनायत है कि शायरी का शौक है. यह प्रतियोगिता इसलिए नहीं रखी जा रही है कि किसी की अवमानना हो. इसका मुख्य लक्ष्य ही यही है कि किसी भी श्रेष्ठ ब्लागर का चयन उसकी रचना के आधार पर ही हो. पुऱूषों की कैटेगिरी में यह चयन हो चुका है. आप सबने मिलकर समीरलाल समीर को श्रेष्ठ पुरूष ब्लागर घोषित कर दिया है. अब महिला ब्लागरों की बारी है. यदि आपको यह प्रतियोगिता ठीक नहीं लगती है तो किसी भी क्षण इसे बंद किया जा सकता है. और यदि आपमें से कुछ लोग इसमें रूचि दिखाते हैं तो यह प्रतियोगिता प्रारंभ रहेगी.
सुश्री शैल मंजूषा अदा जी ने इस प्रतियोगिता को लेकर एक पोस्ट लगाई है. उन्होंने कुछ नाम भी सुझाए हैं। वयोवृद्ध अवस्था की वजह से उन्होंने अपने आपको प्रतियोगिता से दूर रखना भी चाहा है. उनके आग्रह को मानते हुए सभी नाम शामिल कर लिए हैं। जो नाम शामिल किए गए हैं उनकी सूची नीचे दी गई है.
आपको सिर्फ इतना करना है कि अपने-अपने ब्लाग पर निम्नलिखित महिला ब्लागरों किसी एक पोस्ट पर लगभग ढाई सौ शब्दों में अपने विचार प्रकट करने हैं। रचना के गुण क्या है। रचना क्यों अच्छी लगी और उसकी शैली-कसावट कैसी है जैसा उल्लेख करें तो सोने में सुहागा.
नियम व शर्ते-
1 प्रतियोगिता में किसी भी महिला ब्लागर की कविता-कहानी, लेख, गीत, गजल पर संक्षिप्त विचार प्रकट किए जा सकते हैं
2- कोई भी विचार किसी की अवमानना के नजरिए से लिखा जाएगा तो उसे प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जाएगा
3- प्रतियोगिता में पुरूष एवं महिला ब्लागर सामान रूप से हिस्सा ले सकते हैं
4-किस महिला ब्लागर ने श्रेष्ठ लेखन किया है इसका आंकलन करने के लिए ब्लागरों की एक कमेटी का गठन किया जा चुका है. नियमों व शर्तों के कारण नाम फिलहाल गोपनीय रखा गया है.
5-जिस ब्लागर पर अच्छी पोस्ट लिखी जाएगी, पोस्ट लिखने वाले को 11 हजार रूपए का नगद इनाम दिया जाएगा
6-निर्णायकों की राय व पोस्ट लेखकों की राय को महत्व देने के बाद श्रेष्ठ महिला ब्लागर को 21 हजार का नगद इनाम व शाल श्रीफल दिया जाएगा.
7-निर्णायकों का निर्णय अंतिम होगा.
8-किसी भी विवाद की दशा में न्याय क्षेत्र कानपुर होगा.
9- सर्वश्रेष्ठ महिला ब्लागर एवं पोस्ट लेखक को आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए आने-जाने का मार्ग व्यय भी दिया जाएगा.
10-पोस्ट लेखकों को अपनी पोस्ट के ऊपर- मेरी नजर में सर्वश्रेष्ठ ब्लागर अनिवार्य रूप से लिखना होगा
ब्लागरों की सुविधा के लिए जिन महिला ब्लागरों का नाम शामिल किया गया है उनके नाम इस प्रकार है-
1-फिरदौस 2- रचना 3-वंदना 4-संगीता पुरी 5-अल्पना वर्मा- 6 –सुजाता चोखेर 7- पूर्णिमा बर्मन 8-कविता वाचक्वनी 9-रशिम प्रभा 10- घुघूती बासूती 11-कंचनबाला 12-शेफाली पांडेय 13- रंजना भाटिया 14 श्रद्धा जैन 15- रंजना 16- लावण्यम 17- पारूल 18- निर्मला कपिला 19 शोभना चौरे 20- सीमा गुप्ता 21-वाणी गीत 21- संगीता स्वरूप 22-शिखाजी 23 –रशिम रविजा 24- पारूल पुखराज 25- अर्चना 26- डिम्पल मल्होत्रा, 27-अजीत गुप्ता 28-श्रीमती कुमार.
तो फिर देर किस बात की. प्रतियोगिता में हिस्सेदारी दर्ज कीजिए और बता दीजिए नारी किसी से कम नहीं है। प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम तारीख 30 मई तय की गई है.
और हां निर्णायकों की घोषणा आयोजन के एक दिन पहले कर दी जाएगी.
इसी दिन कुमार जलजला का नया ब्लाग भी प्रकट होगा. भाले की नोंक पर.
आप सबको शुभकामनाएं.
आशा है आप सब विषय को सकारात्मक रूप देते हुए अपनी ऊर्जा सही दिशा में लगाएंगे.
सबका हमदर्द
कुमार जलजला
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत जानदार गीत रचा है, मयंक जी!
जवाब देंहटाएं--
बौराए हैं बाज फिरंगी!
हँसी का टुकड़ा छीनने को,
लेकिन फिर भी इंद्रधनुष के सात रंग मुस्काए!
बहुत बढ़िया रचना...
जवाब देंहटाएंwahwa....achhi kavita hai bhai ji...saadhuwad..
जवाब देंहटाएंan inspiring poem indeed !
जवाब देंहटाएंमनुजता को दानवता से प्यार हो गया ...मगर आखिर मानवता ही जीतेगी ...!!
जवाब देंहटाएंकविता का एक एक शब्द वर्तमान परिवेश ,सामाजिक स्थिति के प्रति उपजी आपकी पीड़ा को व्यक्त कर रहा है. क्या करें? देखते समझते सब हैं पर.................फिर भी मौन है
जवाब देंहटाएंभोले पंछियों के पंख, नोच रहा बाज है, 'किन्तु चूँकि वो पंछी हमारे नही हैं इसलिए हम निश्चिन्त है.'
धार के मैले हो जाने के पीछे भी यही कारन है हमने उसे अपना माना होता तो यूँ मैला होने देते?
बहुत सुंदर रचना....
जवाब देंहटाएंek dum solid rachna sir.... :)
जवाब देंहटाएंबाहर के हालात कवि के मन को किस कदर प्रभावित करते हैं , सच को जैसे शब्द दे दिए हों ।
जवाब देंहटाएंमज़ा आ गया
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