♥ आज भी देखिए कुछ दोहे ♥ जीवन के दो चक्र है, सुख-दुख जिनके नाम। दोनों ही हालात में, धीरज से लो काम।। चंचल मन की हाथ में, रखना खींच लगाम। इसके हाथों तुम कभी, बनना नहीं गुलाम।। जिसने मन पर कर लिया, स्वामी बन अधिकार। मानवता का मिल गया, उसको ही उपहार।। सरल सुभाव अगर नहीं, धर्म-कर्म सब व्यर्थ। छल और कपट मनुष्य का, करता सदा अनर्थ।। जीवन प्रहसन के सभी, इस दुनिया में पात्र। सबका जीवन है यहाँ, चार दिनों का मात्र।। |
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रविवार, 4 दिसंबर 2011
"चंचल मन की हाथ में, रखना खींच लगाम" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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बहुत सुंदर, वाह
जवाब देंहटाएंजिसने मन पर कर लिया, स्वामी बन अधिकार।
मानवता का मिल गया, उसको ही उपहार।।
वाह अति सुंदर.
जवाब देंहटाएंसादर.
जिसने मन पर कर लिया, स्वामी बन अधिकार।
जवाब देंहटाएंमानवता का मिल गया, उसको ही उपहार।। बहुत प्रेरक और सुंदर अभिव्यक्ति..
सबका जीवन है यहाँ, चार दिनों का मात्र।।
जवाब देंहटाएंध्रुव सत्य!
सुन्दर प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंबधाई ||
http://terahsatrah.blogspot.com
सरल सुभाव अगर नहीं, धर्म-कर्म सब व्यर्थ।
जवाब देंहटाएंछल और कपट मनुष्य का, करता सदा अनर्थ।।
बहुत खूब
सुंदर दोहे
सत्य कथन है ....
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना के लिए आभार आपका !
सार्थक ज्ञानभरे दोहे।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति |अभार..
जवाब देंहटाएंwah
जवाब देंहटाएंati sundar rachana hai...
आज भी एक नई सीख नमन करती हूँ
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंGyan Darpan
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सरल सुभाव अगर नहीं, धर्म-कर्म सब व्यर्थ।
जवाब देंहटाएंछल और कपट मनुष्य का, करता सदा अनर्थ।।
उत्तम विचार।
4 din ke jeevan mein bhee agar mohabbat badhaa lein to jeevan dhanya hai
जवाब देंहटाएंसुन्दर दोहे सर...
जवाब देंहटाएंसादर...
जिसने मन पर कर लिया, स्वामी बन अधिकार।
जवाब देंहटाएंमानवता का मिल गया, उसको ही उपहार।।...
bahut badiya hai aapka har dohaa
sach kaha
par kabhi kabhi jeevan mei aisa hona bahut mushkil sa ho jaat hai ....aabhar
sundar wa sarthak prastuti
जवाब देंहटाएंhii.. Nice Post
जवाब देंहटाएंFor latest stills videos visit ..
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जिसने मन पर कर लिया, स्वामी बन अधिकार।
जवाब देंहटाएंमानवता का मिल गया, उसको ही उपहार।।
sab dohe ek se badhkar ek hain atiuttam prastuti.
sunder margdarshan deti prastuti.
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