(चित्र गूगल छवियों से साभार) हमने कितने बसन्त देखें हैं खिलते गुंचों के अन्त देखे हैं जो तरसते हैं शब्द बनने को अक्षरों में हलन्त देखे हैं ऐश करते हैं जो फ़कीरी में हमने ऐसे महन्त देखें हैं सत्य की राह दिखाने वाले पथ भटकते से सन्त देखें हैं खुद को माहताब समझने वाले टूटे तारे अनन्त देखें हैं भोली सूरत से जो लुभाते हैं “रूप” ऐसे दिगन्त देखे हैं |
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मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012
"टूटे तारे अनन्त देखें हैं" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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सुबह सुबह एक सुन्दर कविता पढ़कर मन प्रसन्न हो गया.
जवाब देंहटाएंऐश करते हैं जो फ़कीरी में
जवाब देंहटाएंहमने ऐसे महन्त देखें हैं
सत्य की राह दिखाने वाले
पथ भटकते से सन्त देखें हैं
Sateek baat !
सुबह सुबह इतनी सुन्दर कविता पढ़कर आनंद आ गया.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंkalamdaan.blogspot.in
भोली सूरत से जो लुभाते हैं
जवाब देंहटाएं“रूप” ऐसे दिगन्त देखे हैं
सुंदर प्रस्तुति ....
bahut sundar anubhavon ke shabd dekhe.behtreen rachna.
जवाब देंहटाएंसत्य की राह दिखाने वाले
जवाब देंहटाएंपथ भटकते से सन्त देखें हैं...बहुत सुन्दर सटीक प्रस्तुति..
जो तरसते हैं शब्द बनने को
जवाब देंहटाएंअक्षरों में हलन्त देखे हैं
सत्य की राह दिखाने वाले
पथ भटकते से सन्त देखें हैं
खुद को माहताब समझने वाले
टूटे तारे अनन्त देखें हैं
वाह …………शानदार प्रस्तुतिकरण्।
kavita ki saare gun samaaye hai in shbdkram mein..
जवाब देंहटाएंजो तरसते हैं शब्द बनने को
अक्षरों में हलन्त देखे हैं...waah es pankti ke to kya kahne....
टूटे तारों का विश्व कोई,
जवाब देंहटाएंहम ढूढ़ें सुखद भविष्य कोई।
ऐश करते हैं जो फ़कीरी में
जवाब देंहटाएंहमने ऐसे महन्त देखें हैं
दार्शनिक भाव की रचना कितने पात्र सजीव कर गई .
सुन्दर प्रस्तुति, शानदार रचना ।
जवाब देंहटाएंमेरी नई रचना देखें-
मेरी कविता:आस
बहुत खूब.
जवाब देंहटाएंऐश करते हैं जो फ़कीरी में
जवाब देंहटाएंहमने ऐसे महन्त देखें हैं
सत्य की राह दिखाने वाले
पथ भटकते से सन्त देखें हैं
bahut khoob dadu...
हर लफ्ज़ सच्चाई बयाँ करता हुआ ..... मुबारक कबूल करें!
जवाब देंहटाएंbahut hi achcha likhe hain......
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
जवाब देंहटाएं//जो तरसते हैं शब्द बनने को
जवाब देंहटाएंअक्षरों में हलन्त देखे हैं
As always sirji..gazab :)
...जो तरसते हैं शब्द बनने को
जवाब देंहटाएंअक्षरों में हलन्त देखे हैं
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ
bahut sundar , vaaah ...
जवाब देंहटाएंसत्य की राह दिखाने वाले
जवाब देंहटाएंपथ भटकते से सन्त देखें हैं ...
बहुत सुन्दर रचना ... हर छंद सत्य को बयान कर रहा है ...