खेल-कूद में रहे रात-दिन, अब पढ़ना मजबूरी है। सुस्ती - मस्ती छोड़, परीक्षा देना बड़ा जरूरी है।। मात-पिता,विज्ञान,गणित है, ध्यान इन्हीं का करना है। हिन्दी की बिन्दी को, माता के माथे पर धरना है।। देव-तुल्य जो अन्य विषय है, उनके भी सब काम करेगें। कर लेंगें, उत्तीर्ण परीक्षा, अपना ऊँचा नाम करेंगे।। श्रम से साध्य सभी कुछ होता, दादी हमें सिखाती है। रवि की पहली किरण, हमेशा नया सवेरा लाती है।। |
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शुक्रवार, 2 मार्च 2012
"परीक्षा देना बड़ा जरूरी है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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परीक्षा देना तो निश्चय ही बड़ा ज़रूरी है..!
जवाब देंहटाएंसुन्दर संदेश देती बाल कविता।
जवाब देंहटाएंबाल-समाज को एक अच्छा सन्देश देती रचना !
जवाब देंहटाएंसन्देश देती सुंदर बाल रचना,....
जवाब देंहटाएंनन्हे मुन्नों को प्रेरणा देती कविता...
जवाब देंहटाएंयह इम्तिहान है नहीं सखे, यही परम अभ्यास है ।
जवाब देंहटाएंगुण-दोष विवेचन पल पल करती, नित धरती आकाश है ।
सामर्थ्यवान बनने की रीती, अपनी एक समीक्षा यह-
बढ़ते तन के तुल्य बताती, बुद्धि हमारे पास है ।।
दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक
http://dineshkidillagi.blogspot.in
बहुत तनाव भरे दिन होते हैं ये.
जवाब देंहटाएंमात-पिता,विज्ञान,गणित है,
जवाब देंहटाएंध्यान इन्हीं का करना है।
हिन्दी की बिन्दी को,
माता के माथे पर धरना है।।..
आदरणीय शास्त्री जी बहुत सुन्दर सन्देश हम बच्चों को ...और आवाहन ....
मन को बहुत प्यारी लगी ..
भ्रमर ५
भ्रमर का दर्द और दर्पण
बहुत सुन्दर शिक्षाप्रद बाल कविता सब बच्चों को पढनी चाहिए
जवाब देंहटाएंपरीक्षा का ही मौसम है..
जवाब देंहटाएंसन्देश देती प्यारी शिक्षाप्रद बाल कविता
जवाब देंहटाएंसच कहा आपने परीक्षा सबसे जरुरी है.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रेरक बाल रचना ...