दिल से दिल को आज मिलाएँ, रंगों की रंगोली में। आओ शिकवे-गिले मिटायें, प्रीत बढ़ाएँ होली में।। एक साल में एक बार यह पर्व सलोना आता है, फाग-फुहारों के पड़ने से जुड़ता दिल से नाता है, संगी-साथी को बैठाएँ, अरमानों की डोली में। आओ शिकवे-गिले मिटायें, प्रीत बढ़ाएँ होली में।। पड़े हुए हैं अलग-थलग जो, रिश्तों में दरार आई, उनको टीका कर गुलाल का, भर दो अब गहरी खाई, आओ फिर सम्बन्ध बनाएँ, बिछुड़े दामन-चोली में। आओ शिकवे-गिले मिटायें, प्रीत बढ़ाएँ होली में।। नहीं साँच को आँच, होलिका जली दर्प की ज्वाला में, शक्ति असीमित भरी हुई है प्रभू नाम की माला में, प्यार भरा आशीष निहित है, अक्षत्-चन्दन रोली में। आओ शिकवे-गिले मिटायें, प्रीत बढ़ाएँ होली में।। |
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सोमवार, 5 मार्च 2012
"प्रीत बढ़ाएँ होली में" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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होली की बहुत-बहुत मुबारक आप सब को !
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ!
होली के पर्व की बहुत बहुत शुभकामनएं
हटाएंनहीं साँच को आँच, होलिका जली दर्प की ज्वाला में,
जवाब देंहटाएंशक्ति असीमित भरी हुई है प्रभू नाम की माला में,
प्यार भरा आशीष निहित है, अक्षत्-चन्दन रोली में।
आओ शिकवे-गिले मिटायें, प्रीत बढ़ाएँ होली में।।
बहुत ही अनुपम भाव लिए ... होली की शुभकामनाएं ।
नहीं साँच को आँच, होलिका जली दर्प की ज्वाला में,
जवाब देंहटाएंशक्ति असीमित भरी हुई है प्रभू नाम की माला में,
प्यार भरा आशीष निहित है, अक्षत्-चन्दन रोली में।
आओ शिकवे-गिले मिटायें, प्रीत बढ़ाएँ होली में।।
sundar rachna bandhai swikaren
Holi ki dhero shubhkamnaon ke sath
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंहोली है होलो हुलस, हुल्लड़ हुन हुल्लास।
कामयाब काया किलक, होय पूर्ण सब आस ।।
सुन्दर संदेश देती सार्थक रचना।
जवाब देंहटाएंनहीं साँच को आँच, होलिका जली दर्प की ज्वाला में,
जवाब देंहटाएंशक्ति असीमित भरी हुई है प्रभू नाम की माला में,
प्यार भरा आशीष निहित है, अक्षत्-चन्दन रोली में।
आओ शिकवे-गिले मिटायें, प्रीत बढ़ाएँ होली में।।
बहुत खूब ...आओ सबसे प्यार बढाए होली में ..
इतनी सुन्दर कविता को पढवाने के लिए धन्यवाद. होली की शुभकामनाएँ ...
जवाब देंहटाएंवाह!!!!!बहुत बढ़िया भाव अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना,...
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी,...होली की बहुत२ बधाई
बहुत सुंदर ! होली का सन्देश बहुत ही सार्थक लगा. होली पर रंग बिरंगी सुभकामनाएँ. !
जवाब देंहटाएंवाह सर |||
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन रचना है....
होली के विभिन्न रंगों की तरह ,होली पर लिखी आपकी सारी रचनाये
अलग अलग रंग बिखेर रहीं है..
और इस रचना में सुन्दर सन्देश का रंग है....
*** happy holi****
नहीं साँच को आँच, होलिका जली दर्प की ज्वाला में,
जवाब देंहटाएंशक्ति असीमित भरी हुई है प्रभू नाम की माला में,
प्यार भरा आशीष निहित है, अक्षत्-चन्दन रोली में।
आओ शिकवे-गिले मिटायें, प्रीत बढ़ाएँ होली में।।
होली की शुभकामनाएँ ...
प्रीत बढ़ाएँ होली में...बहुत ही खूबसूरत भाव...होली वस्तुतः सौहार्द का त्यौहार है...
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली रचना !
जवाब देंहटाएंरंगोत्सव की शुभकामनायें स्वीकार करें !
happy holi !!
जवाब देंहटाएंholi ki badhai ho sabhi ko....
जवाब देंहटाएंhttp://jadibutishop.blogspot.in
Useful article, thank you for sharing the article!!!
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