हरष रहा है-सरस रहा है, रंगों का त्यौहार।। धवल चाँदनी से चन्दा ने, नभ का रूप निखारा, होली की रजनी में फैला, धरती पर उजियारा, हँसी-ठिठोली की होती है, होली में बौछार। हरष रहा है-सरस रहा है, रंगों का त्यौहार।। नई कोपलें पेड़ों की शाखाओं पर लहराती, टेसू-सेंमल की कलियाँ अंगारों सी हो जाती, गुझिया-मठरी की सुगन्ध से महके हैं घर-बार। हरष रहा है-सरस रहा है, रंगों का त्यौहार।। राग-रागिनी, ढपली-ढोलक अभिनव राग सुनाते, हुलियारे भी नाच-नाच कर, गीत प्रणय के गाते, इक-दूजे को गले लगाकर, करते प्रेम अपार। हरष रहा है-सरस रहा है, रंगों का त्यौहार।। पीतम्बर पहने सरसों के बिरुए बहुत लुभाते. झूम-झूमकर, गुन-गुन करते भँवरे दौड़े आते, मधुमक्खी-तितली रस पीने आयी पंख पसार। हरष रहा है-सरस रहा है, रंगों का त्यौहार।। |
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रविवार, 4 मार्च 2012
"रंगों का त्यौहार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बहुत बढ़िया भाव अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना,..
जवाब देंहटाएंभूले सब सब शिकवे गिले,भूले सभी मलाल
होली पर हम सब मिले खेले खूब गुलाल,
खेले खूब गुलाल, रंग की हो बरसातें
नफरत को बिसराय, प्यार की दे सौगाते,
बौराया है आम और बौराये हैं हम तुम ....
जवाब देंहटाएंरंग ले इतना खुद को..हो जाएँ भीड़ में गुम..
:-)
सुन्दर रचना....
सादर.
पीतम्बर पहने सरसों के बिरुए बहुत लुभाते.
जवाब देंहटाएंझूम-झूमकर, गुन-गुन करते भँवरे दौड़े आते,
मधुमक्खी-तितली रस पीने आयी पंख पसार।
हरष रहा है-सरस रहा है, रंगों का त्यौहार।।
काव्यात्मक फुहार लाये शाष्त्री जी ,
होरी पे भाये शाष्त्री जी ,नित रंग लगाए शाश्त्री जी ,
आहा के आया झूम के होली का त्यौहार
जवाब देंहटाएंसभ मस्त, करें कलम से रंगों की फुहार ...!
सभी को होली की शुभकामनायें..
:)
kalamdaan.blogspot.in
पीतम्बर पहने सरसों के बिरुए बहुत लुभाते..............बहुत खूबसूरत बिम्ब प्रयोग्।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया बेहतरीन रचना,..
जवाब देंहटाएंNEW POST फुहार...डिस्को रंग...
यह रंग भरी रचना बहुत खूबसूरत लगी ...
जवाब देंहटाएंहोली पर बहूत बढीया प्रस्तुती ,,
जवाब देंहटाएंहोली के अवसर पर रंग खेलने से लेकर खान-पान
का बढीया वर्णन किया है..
बेहतरीन प्रस्तुती
****-----हैप्पी होली -----*****
पीतम्बर पहने सरसों के बिरुए बहुत लुभाते.
जवाब देंहटाएंझूम-झूमकर, गुन-गुन करते भँवरे दौड़े आते
****-----हैप्पी होली -----*****
बहुत बहुत शुभकामनायें |
जवाब देंहटाएंbahut sundar...aapko holi parv ki bahut bahut shubhkamnayen ...... .YE HAI MISSION LONDON OLYMPIC !
जवाब देंहटाएंराग-रागिनी, ढपली-ढोलक अभिनव राग सुनाते,
जवाब देंहटाएंहुलियारे भी नाच-नाच कर, गीत प्रणय के गाते,...
बहुत सुन्दर गीत है होली के उपलक्ष में ... लय में बंधा ...
हर जगह टेसू के फूल खिले हैं..
जवाब देंहटाएंहोली की अनेको शुभकामनाए ......
जवाब देंहटाएंआने वाली होली मुबारक हो
जवाब देंहटाएंbahut sundar rachna hai ...
जवाब देंहटाएंhttp://jadibutishop.blogspot.com
पूरा होली का माहौल सेट कर दिया आपने...होली की अग्रिम शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंराग-रागिनी, ढपली-ढोलक अभिनव राग सुनाते,
जवाब देंहटाएंहुलियारे भी नाच-नाच कर, गीत प्रणय के गाते,
इक-दूजे को गले लगाकर, करते प्रेम अपार।
हरष रहा है-सरस रहा है, रंगों का त्यौहार।।
पीतम्बर पहने सरसों के बिरुए बहुत लुभाते.
झूम-झूमकर, गुन-गुन करते भँवरे दौड़े आते,
मधुमक्खी-तितली रस पीने आयी पंख पसार।
हरष रहा है-सरस रहा है, रंगों का त्यौहार।।
होली उत्सव का आँखों देखा हाल है यह रचना कह सकतें हैं जो नित नवीन वह सौन्दर्य जो हर पला नया रचे वह शाष्त्री (जी )हमारे .प्रकृति भी नित नया रचती है ,आप भी .मुबारक होली का त्यौहार .
होली का अभिनन्दन हृदय से है , कविता के प्रति आभार जिसने लहर सी जगा दी है आत्मसात करने को ,..../
जवाब देंहटाएंkhoobsoorat chitran!!
जवाब देंहटाएंमानो,प्रकृति भी उत्साहित है इस उत्सव के लिए!
जवाब देंहटाएं