हौसला रख कर कदम
आगे धरो।
फासले इतने तो मत
पैदा करो।।
चाँद तारों से भरी
इस रात में,
मत अमावस से भरी
बातें करो।
जिन्दगी है बस
हकीकत पर टिकी,
मत इसे जज्बात में
रौंदा करो।
उलझनों का नाम ही
है जिन्दगी,
हारकर, थककर न यूँ बैठा करो।
छोड़ दो
शिकवों-गिलों की डगर को,
मुल्क पर
जानो-जिगर शैदा करो।
ज़िन्दगी है चार
दिन की चाँदनी,
“रूप” पर इतना न
तुम ऐंठा करो।
|
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रविवार, 9 दिसंबर 2012
"ग़ज़ल-इतना न तुम ऐंठा करो!" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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बहुत बढ़िया शास्त्री जी....
जवाब देंहटाएंचाँद तारों से भरी इस रात में,
मत अमावस से भरी बातें करो।
बहुत सुन्दर गज़ल...
सादर
अनु
बहुत ही सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंउलझनों का नाम ही है जिन्दगी,
जवाब देंहटाएंहारकर, थककर न यूँ बैठा करो।
सुंदर और सार्थक सृजन शास्त्री जी ....
सुंदर और सार्थक रचना *****************************चाँद तारों से भरी इस रात में,
जवाब देंहटाएंमत अमावस से भरी बातें करो।
जिन्दगी है बस हकीकत पर टिकी,
मत इसे जज्बात में रौंदा करो।
उलझनों का नाम ही है जिन्दगी,
हारकर, थककर न यूँ बैठा करो।
छोड़ दो शिकवों-गिलों की डगर को,
मुल्क पर जानो-जिगर शैदा करो।
जवाब देंहटाएंजिन्दगी है बस हकीकत पर टिकी,
मत इसे जज्बात में रौंदा करो।
उलझनों का नाम ही है जिन्दगी,
हारकर, थककर न यूँ बैठा करो।
थके मांदे इंसान की हौसला अफजाई करती है यह रचना .
ज़िन्दगी है चार दिन की चाँदनी,
जवाब देंहटाएं“रूप” पर इतना न तुम ऐंठा करो।
आपकी सारी रचंयें एक सार्थक जीवन जीने की प्रेरणा देती है जो एक सुखद बात है. यह रचना भी इससे अछूती नहीं है. सुंदर प्रस्तुति पर बधाई.
एक सार्थक रचना !!
जवाब देंहटाएंउलझनों का नाम ही है जिन्दगी,
जवाब देंहटाएंहारकर, थककर न यूँ बैठा करो।
छोड़ दो शिकवों-गिलों की डगर को,
मुल्क पर जानो-जिगर शैदा करो।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
ज़िन्दगी है चार दिन की चाँदनी,
जवाब देंहटाएं“रूप” पर इतना न तुम ऐंठा करो।
सादर
'उलझनों का नाम ही है जिन्दगी,
जवाब देंहटाएंहारकर, थककर न यूँ बैठा करो।'
वाह... उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...
बेहतरीन ग़ज़ल। खासकर ये शंर
जवाब देंहटाएंउलझनों का नाम ही है जिन्दगी,
हारकर, थककर न यूँ बैठा करो।
वैसे मक्ता पढ़कर भी मुँह से बेसाख्ता वाह वाह निकल गया। बहुत सुंदर ।
ज़िन्दगी है चार दिन की चाँदनी,
जवाब देंहटाएं“रूप” पर इतना न तुम ऐंठा करो।
वाह!!!!!बहुत सुन्दर शानदार गजल,,,
recent post: रूप संवारा नहीं...
jo ainth ta hai wo toot ta hai...
जवाब देंहटाएंbehtreen gajal........
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