शिष्ट मधुर
व्यवहार, बहुत अच्छा लगता है।
सपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है।। फूहड़पन के वस्त्र, बुरे सबको लगते हैं, जंग लगे से शस्त्र, बुरे सबको लगते हैं, स्वाभाविक शृंगार, बहुत अच्छा लगता है। सपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है।। वचनों से कंगाल, बुरे सबको लगते हैं, जीवन के जंजाल, बुरे सबको लगते हैं, सजा हुआ घर-बार, बहुत अच्छा लगता है। सपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है।। चुगलखोर इन्सान, बुरे सबको लगते हैं, सूदखोर शैतान, बुरे सबको लगते हैं, सज्जन का सत्कार, बहुत अच्छा लगता है। सपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है।। लुटे-पिटे दरबार, बुरे सबको लगते हैं, दुःखों के अम्बार, बुरे सबको लगते हैं, हरा-भरा परिवार, बहुत अच्छा लगता है। सपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है।। मतलब वाले यार, बुरे सबको लगते हैं, चुभने वाले खार, बुरे सबको लगते हैं, निश्छल सच्चा प्यार, बहुत अच्छा लगता है। सपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है।। |
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गुरुवार, 7 मार्च 2013
‘‘अच्छा लगता है’’ डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
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sundar prastuti sundar bhav हरा-भरा परिवार, बहुत अच्छा लगता है।
जवाब देंहटाएंसपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है।।
निश्छल सच्चा प्यार, बहुत अच्छा लगता है।
सपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है।।
सही कह रहे हैं।
जवाब देंहटाएंहमें आपकी रचनायें पढ़ना बहुत अच्छा लगता है.
जवाब देंहटाएंसपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है।।बहुत उम्दा प्रस्तुति,,,
जवाब देंहटाएंRecent post: रंग,
वाह आदरणीय गुरुदेव श्री वाह लाजवाब प्रस्तुति अनेक-अनेक धन्यवाद ऐसी सुन्दर रचना पढ़वाने हेतु.
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार गुरु जी -
सपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है !!
जवाब देंहटाएंआभार सुन्दर और प्रेरक रचना देने के लिए !!
मतलब वाले यार, बुरे सबको लगते हैं,
जवाब देंहटाएंचुभने वाले खार, बुरे सबको लगते हैं,
निश्छल सच्चा प्यार, बहुत अच्छा लगता है।
सपनों का संसार, बहुत अच्छा लगता है।।
इतने सुन्दर और प्रेरक पोस्ट देने के लिए आपका आभार
आपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 09/03/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर गीत ... हर छंद लाजवाब ... गहरा अर्थ लिए ...
जवाब देंहटाएंनमस्कार शास्त्री जी ...
आपकी हर रचना पढ़ना अच्छा लगता है,लाजबाब प्रस्तुति सादर आभार.
जवाब देंहटाएंआपको हर बार पढ़ना अच्छा लगता है
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंअच्छे बुरे की सहज परिभाषा..
जवाब देंहटाएंपढ़ते रहो...पढ़ते रहो...
जवाब देंहटाएंबस! अच्छा लगता है.... :-)
बहुत सुंदर रचना!
~सादर!!!
आपकी रचनाएँ पढना अच्छा लगता है
जवाब देंहटाएंमिलता नहीं जब समय बुरा लगता है
गुज़ारिश : ''महिला दिवस पर एक गुज़ारिश ''
बहुत ही बढ़िया सर
जवाब देंहटाएंसादर
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएं