जब-जब आती मस्त बयारें,
तब-तब हम लहराते हैं।
काँटों की पहरेदारी में,
गीत खुशी के गाते हैं।।
हमसे ही अनुराग-प्यार
है,
हमसे मधुमास जुड़ा,
हम संवाहक सम्बन्धों के,
सबके मन को भाते हैं।
काँटों की पहरेदारी में,
गीत खुशी के गाते हैं।।
स्वागत-अभिनन्दन हमसे
है,
हमीं बधाई देते हैं,
कोमल सेज नयी दुल्हिन
की,
आकर हमीं सजाते हैं।
काँटों की पहरेदारी में,
गीत खुशी के गाते हैं।।
तितली और शहद की मक्खी,
को पराग हम देते हैं,
अपनी मोहक मुस्कानों से,
भँवरों को भरमाते हैं।
काँटों की पहरेदारी में,
गीत खुशी के गाते हैं।।
खुश हो करके मिलो सभी
से.
जीवन बहुत जरा सा है,
सुख-दुख में हँसते रहने
का,
हम तो पाठ पढ़ाते हैं।
काँटों की पहरेदारी में,
गीत खुशी के गाते हैं।।
तोड़ हमें उपवन का माली,
विजयमाल को गूँथ रहा,
हम गुलाब हैं
रंग-बिरंगे,
अपनी गन्ध लुटाते हैं।।
काँटों की पहरेदारी में,
गीत खुशी के गाते हैं।।
"रूप" हमारा देख-देखकर,
जग मोहित हो जाता है,
हम काँटों में पलने
वाले,
सबको सुख पहुँचाते
हैं।
काँटों की पहरेदारी में,
गीत खुशी के गाते हैं।।
|
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रविवार, 14 अप्रैल 2013
"सबको सुख पहुँचाते हैं" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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काँटों में गुलाब खिलते हैं , फिर भी कितना हँसते हैं |
जवाब देंहटाएंइसी लिये तो हर एक के मन में इन के चेहरे बसते हैं ||
बढ़िया प्रस्तुति शास्त्री जी, शीर्षक में दो को लग गए हैं उसे ठीक कर ले ! !आभार !
जवाब देंहटाएंगुलाब और कांटे, दुख और सुख साथ साथ बांटे..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर....बेहतरीन प्रस्तुति...शास्त्री जी!!
जवाब देंहटाएंपधारें "आँसुओं के मोती"
वाह अति सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी भावात्मक अभिव्यक्ति नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें रिश्तों पर कलंक :पुरुष का पलड़ा यहाँ भी भारी .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MANजाने संविधान में कैसे है संपत्ति का अधिकार-1
जवाब देंहटाएंsunder tasvtr ke sath sunder prastuti ,guru ji ko pranaam
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति | शुभकामनायें . हार्दिक आभार नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
BHARTIY NARI
PLEASE VISIT .
गीत ख़ुशी के गाता हूँ
जवाब देंहटाएंजीवन का मनोहारी गीत
बहुत सुंदर रचना
उत्कृष्ट प्रस्तुति
अति सुन्दर प्रस्तुति,आभार.
जवाब देंहटाएंशब्द सुखमय,
जवाब देंहटाएंदृश्य मोहक,
कथ्य करुणा,
और क्या सुख?
सुन्दर प्रस्तुति -
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आदरणीय ||
नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!! बहुत दिनों बाद ब्लाग पर आने के लिए में माफ़ी चाहता हूँ
जवाब देंहटाएंबहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
मेरी मांग
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति व प्रस्तुति सर!
जवाब देंहटाएं~सादर!!!