चुप होकर सह लेती
है।
सब के दर्द को,
अपने दिल में दबा
कर,
रख लेती है।
वह एक माँ है,
अच्छी पत्नी भी
है
वह भारत की नारी
है।
परिवार की हर
वस्तु,
उसे प्यारी है।
सबकी जली-कटी,
झेलती है,
और बदले में,
पतली-पतली,
रोटियाँ भी बेलती
है।
इसने माँ-बहन और
बेटी का दर्जा पाया
है,
यातनाएँ सह कर
भी,
सब पर प्यार ही
लुटाया है।
नारी प्यार की
परछाई कहलाती है।
इसीलिए तो
अत्याचार सहती
जाती है।
कितनी सदियाँ
गुज़र गयी,
लेकिन नहीं बदली
नारियों की
किस्मत।
अब भी रोज ही,
लुटती है महिलाओं
की अस्मत।
संविधान में
बदलाव की बातें,
कर्णधारों के
चोंचले,
आज भी
सारे दावे हैं
थोथे और खोखले!
|
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सोमवार, 8 अप्रैल 2013
"भारत की नारी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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नारी की व्यथा को उकेरती सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने -इनकी सब बाते झूठे हैं दिखावा है -सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंLATEST POSTसपना और तुम
नारी के लिए तो जन्म लेने से मृत्यु तक इसी सफर को तय करना होता है।लेकिन आखिर कब तक?नारी भले ही कितनी ही पढ़ लिख जाए। थोड़े समय के लिए समाज का नजरिया उसके प्रति बदल भी जाएँ तब भी आज भी वह अत्याचारों के कैदखाने में बंद ही है। बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति नारी की व्यथा को दर्शाती हुई,धन्य है आपकी लेखनी.
जवाब देंहटाएंकोन कोन मैं कलस बने भगवन एक ना पाए ।
जवाब देंहटाएंजब मन देखा आपनै प्रियतम रूप मुसुकाए ॥
भावार्थ : --
कोने कोने में मंदिर निर्मित है किन्तु भगवान् एक में भी नहीं मिले ।
जब अपना ह्रदय देखा तो प्रियतम स्वरूप में भगवान मुस्कराते हुवे मिले ॥
नारी कि सही दशा बताती हुई रचना
जवाब देंहटाएंबढ़िया अभिव्यक्ति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 9/4/13 को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है ।
जवाब देंहटाएंनारी की दशा का सुन्दर चित्रण....
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन सुंदर चित्रण !!! आज के नारी के दशा का,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST: जुल्म
बिल्कुल सही लिखा है.
जवाब देंहटाएंसुंदर चित्रण, वाह !!!!!!
जवाब देंहटाएंसंविधान में बदलाव की बातें,
जवाब देंहटाएंकर्णधारों के चोंचले,
आज भी
सारे दावे हैं
थोथे और खोखले!
bilkul satik chitran kiya hai
आदरणीय गुरुदेव श्री सादर नारी की महिमा का सुन्दर चित्रण किया है आपने इस हेतु ढेरों बधाई स्वीकारें.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना...
जवाब देंहटाएंसादर नमन..
अनु
नारी व्यथा को बाखूबी लिखा है ...
जवाब देंहटाएंसब कुछ हो के भी नारी को सहना पड़ता है ...
बढिया, क्या बात
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
हर क्षेत्र में स्वयं को स्थापित करती भारतीय नारी।
जवाब देंहटाएं