शहीद-ए-आज़म स0 भगत सिंह को उनके 103वें जन्म-दिवस पर बलिदान- 23 मार्च, 1931 ई0। स0 भगत सिंह ने मात्र 23 वर्ष, 5 माह, 25 दिन की अल्पायु में हँसते हुए फाँसी के फन्दे को चूम लिया था। यदि साहित्यकार के दृष्टिकोण से देखा जाए तो एक 23 वर्षीय नौजवान ने इतनी छोटी आयु में भाषा और साहित्य का कितना गहन अध्ययन किया होगा। स0 भगत सिंह आजकल के नौजवानों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। हमारी स्वतन्त्रता आज तक इसी लिए अक्षुण्ण है कि इसके मूल में स0 भगत सिंह सरीखे न जाने कितने ही नाम-अनाम स्वनामधन्य शहीदों का बलिदान प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों रूपों में निहित है। |
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रविवार, 27 सितंबर 2009
शहीद-ए-आज़म स. भगत सिंह (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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शहीद-ए-आज़म भगत सिंह को 103वें जन्मदिवस पर शत्-शत् नमन...
जवाब देंहटाएंशहीद भगत सिंह
जवाब देंहटाएंऔर
उनके सभी साथियों को
मेरे शत्-शत् नमन!
शास्त्री जी, भगत सिंह जैसे राष्ट्रभक्तों का यह देश और इस देश के युवा सदैव ही ऋणी रहेंगे. शत शत नमन
जवाब देंहटाएंशहीद् ए आजम भगत सिह को नमन
जवाब देंहटाएंशहीद् ए आजम सरदार भगत सिंह जी को उनके १०३ वे जन्मदिवस पर सभी मैनपुरीवासीयों की ओर से शत शत नमन |
जवाब देंहटाएंशहीद् ए आजम सरदार भगत सिंह जी को नमन.
जवाब देंहटाएंरामराम.
भगत सिंह जी को मेरा शत शत नमन जिन्होनें देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दिए!
जवाब देंहटाएंइष्ट मित्रो व कुटुंब जनों सहित आपको दशहरे की घणी रामराम.
जवाब देंहटाएंसरदार भगत सिंह जी को नमन.
जवाब देंहटाएंइष्ट मित्रों एवम कुटुंब जनों सहित आपको दशहरे की घणी रामराम.
जवाब देंहटाएंshaheed - e- azam bhagat singh ke 103 ve janamdin par shat shat naman.........unke balidan ki badolat hi aaj hum surakshit baithe hain aur aazad hawa mein saans le rahe hain .........hum unke rin se kabhi bhi urin nhi ho sakte.
जवाब देंहटाएंbhagat sigh ke jan din par aur विजयादशमी par हार्दिक शुभ कामनाएं !!
जवाब देंहटाएंइन वीरो को शत्-शत् नमन ।
जवाब देंहटाएं