आया राखी का त्यौहार!! हरियाला सावन ले आया, ये पावन उपहार। अमर रहा है, अमर रहेगा, राखी का त्यौहार।। आया राखी का त्यौहार!! जितनी ममता होती है, माता की मृदु लोरी में, उससे भी ज्यादा ममता है, राखी की डोरी में, भरा हुआ कच्चे धागों में, भाई-बहन का प्यार। अमर रहा है, अमर रहेगा, राखी का त्यौहार।। आया राखी का त्यौहार!! भाई को जा करके बाँधें, प्यारी-प्यारी राखी, हर बहना की यह ही इच्छा राखी के दिन जागी, उमड़ा है भगिनी के मन में श्रद्धा-प्रेम अपार! अमर रहा है, अमर रहेगा, राखी का त्यौहार।। आया राखी का त्यौहार!! खेल-कूदकर जिस अँगने में, बीता प्यारा बचपन, कैसे याद भुलाएँ उसकी, जो मोहक था जीवन, कभी रूठते और कभी करते थे, आपस में मनुहार। अमर रहा है, अमर रहेगा, राखी का त्यौहार।। आया राखी का त्यौहार!! गुज़रे पल की याद दिलाने, आई बहना तेरी, रक्षा करना मेरे भइया, विपदाओं में मेरी, दीर्घ आयु हो हर भाई की, ऐसा वर दे दो दातार। अमर रहा है, अमर रहेगा, राखी का त्यौहार।। आया राखी का त्यौहार!!
आज किसी भी भाई की, ना सूनी रहे कलाई, पहुँचा देना मेरी राखी, अरे डाकिए भाई, बहुत दुआएँ दूँगी तुझको, तेरा मानूँगी उपकार! अमर रहा है अमर रहेगा, राखी का त्यौहार!! आया राखी का त्यौहार!! |
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शुक्रवार, 12 अगस्त 2011
"गीत-..आया राखी का त्यौहार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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rakhi ke paawan tyohaar par shaandar tohfa diya hai aapne is geet ke roop men
जवाब देंहटाएंis paavan parv par umda rachna...
जवाब देंहटाएंसबको राखी की शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंराखी की शुभकामनायें....
जवाब देंहटाएंराखी की शुभकामनायें....
जवाब देंहटाएंरक्षाबन्धन के पावन पर्व पर हार्दिक शुभ कामनाएं आपको.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति है आपकी.
निश्छल निश्छल,निर्मल निर्मल.
सुन्दर गीत! पर्व की शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंसुन्दर गीत...
जवाब देंहटाएंराखी की सादर बधाईयाँ...
dr.saheb ,ekdam dil ko chhoo lenewali line sadhuwad
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर गीत, रक्षाबंधन पर्व की हार्दिक शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंरामराम.
सुंदर सामयिक रचना
जवाब देंहटाएंएक बार फिर शास्त्री जी आपने फ़ॉर्म में नज़र आ रहे हैं इस रचना में।
जवाब देंहटाएंआज इस पावन पर्व के अवसर पर बधाई देता हूं और कामना करता हूं कि आपकी कलाई पर बंधा रक्षा सूत्र हर समय आपकी रक्षा करें।
बहुत ही सुन्दर , शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत ही भावविभोर कर गयी आपकी कविता। सच है कि राखी की डोर की कोई कीमत नहीं।
जवाब देंहटाएंराखी की शुभकामनायें....
जवाब देंहटाएंmeri taraf sse mitha
daily milk
हरियाला सावन ले आया, ये पावन उपहार।
जवाब देंहटाएंअमर रहा है, अमर रहेगा, राखी का त्यौहार।।
आया राखी का त्यौहार!!सुन्दर भाव गीत ,ये धागे प्रेम के बुरी नजर से ता -उम्र आपको बचाए रहें .आभार आपकी ब्लोगिया दस्तक का .
कृपया यहाँ भी दस्तक दें -
http://www.blogger.com/post-edit.g?blogID=232721397822804248&postID=५९१०७८२०२६८३८३४०६२१
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अमर रहा है अमर रहेगा राखी का त्योहार....
जवाब देंहटाएंबहत ही सुन्दर और मन को छु लेने वाली रचना
आपको रक्षा बंधन की बहुत -बहुत शुभकामनायें ....
रक्षाबंधन पर बहुत अच्छा और सामयिक गीत.
जवाब देंहटाएंइस पावन पर्व की हार्दिक बधाई.
आपको भी रक्षाबन्धन एवं स्वतन्त्रतादिवस की बहुत-बहुत बधाई बधाई हो!...आप बहुत सुन्दर एवम स्पष्ट विचारों से भरपूर लेखन कर रहे हैं....इसके लिये भी बहुत बधाई स्वीकार करें.
जवाब देंहटाएंसुन्दर गीत ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !
उम्दा रचना.....रक्षाबंधन की शुभकामनाएँ....
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन और स्वंतत्रता दिवस पर ढेर सारी शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंजितनी ममता होती है, माता की मृदु लोरी में,
जवाब देंहटाएंउससे भी ज्यादा ममता है, राखी की डोरी में, --
---भैया अच्छा है ---पर माँ की जग जाहिर ममता की तो बेईज्ज़ती करके रखदी ...
श्याम गुप्त जैसा हृदयहीन भाई बहिन की ममता और राखी के महत्व को क्या समझेगा!
जवाब देंहटाएं--
मानसिक इलाज की जरूरत है श्याम गुप्त को!
aapko Rakshabandhan aur Swatantrata diwas ki hardik badhaayee..
जवाब देंहटाएंAnna ke aandolan ko samarthan dey taaki ye desh purn roop se aazaad ho sake..