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बहुत बढ़िया,,,बधाई,, कोशिश जारी रखे,,
जवाब देंहटाएंआपका और एक नया रूप सामने आ रहा है प्रयास बहुत बढ़िया सार्थक है व्यंग्य जबरदस्त है लाल बत्ती का मोह सच में बुरा होता है जैसे कुर्सी का !!बहुत बहुत बधाई कार्टूनिस्ट बनने पर।
जवाब देंहटाएंखाली करवाए तुरत, सही चुकावो दाम ।
जवाब देंहटाएंफ़ार्म हाउस बंगला बड़ा, घर जमीन का काम ।
घर जमीन का काम, नाम धारी है बडका ।
मुर्ग-मुसल्लम खाय, भाय नहिं इसको तड़का ।
तड़के पॉन्टी मौत, चुकाए दाम मवाली ।
जलती बत्ती लाल, करे खुद गाड़ी खाली ।।
bahut sateek !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब........
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है.
जवाब देंहटाएंआपका स्वागत है कार्टूनिंग की दुनिया में :)
अच्छा लगा आपका ये रूप भी.
चलो,सेवा करें थोड़ी,'लाल बत्ती' चाहिये |
जवाब देंहटाएं'ऊंची कुर्सी' चाहिये,'मौज-मस्ती'चाहिये ||
नया नया रूप आपका ... अच्छा लगा ..सराहनीय
जवाब देंहटाएंआपका ये नया रूप बहुत ही अच्छा है | आगे भी प्रतीक्षा रहेगी |
जवाब देंहटाएंआभार |
बहुत बढिया
जवाब देंहटाएंye roop bhi shandar.
जवाब देंहटाएंI must thank you for the efforts you have put in writing this site.
जवाब देंहटाएंI really hope to see the same high-grade blog posts by you in
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आपकी कलम का एक और रंग देखने को मिला - बधाई
जवाब देंहटाएंवाह .. .बहुत ही बढिया ।
जवाब देंहटाएं