सच्चाई में बल होता है, झूठ पकड़ में है आ जाता। नाज़ुक शाखों पर जो चढ़ता, वो जीवनभर है पछताता। समझदार को मीत बनाओ, नादानों को मुँह न लगाओ। बैरी दानिशमन्द भला है, राज़ न अपना उसे बताओ। आसमान पर उड़नेवाला, औंधे मुँह धरती पर आता। नाज़ुक शाखों पर जो चढ़ता, वो जीवनभर है पछताता। उससे ही सम्बन्ध बढ़ाओ, प्रीत-रीत को जो पहचाने। गिले भुलाकर गले लगाओ, धर्म मित्रता का जो जाने। मन के सागर में पलता है, वफा-जफा का रिश्ता-नाता। नाज़ुक शाखों पर जो चढ़ता, वो जीवनभर है पछताता। शक्ल सलोनी, चाल घिनौनी, मुख में राम, बगल में चाकू। धर्म-गुरू का रूप बनाए, लूट रहे जनता को डाकू। मूषक का मन भरमाने को, हर बिल्ला नाखून छिपाता। नाज़ुक शाखों पर जो चढ़ता, वो जीवनभर है पछताता। |
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शनिवार, 26 मई 2012
"हर बिल्ला नाखून छिपाता" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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@समझदार को मीत बनाओ
जवाब देंहटाएंनेक सलाह!
शक्ल सलोनी, चाल घिनौनी,
जवाब देंहटाएंमुख में राम, बगल में चाकू।
धर्म-गुरू का रूप बनाए,
लूट रहे जनता को डाकू।
मूषक का मन भरमाने को,
हर बिल्ला नाखून छिपाता।
नाज़ुक शाखों पर जो चढ़ता,
वो जीवनभर है पछताता।
बहुत अच्छी सचेत करती हुई संदेशपरक रचना ये वाला पद्य तो बहुत ही उत्तम है
सही बात ..
जवाब देंहटाएंमन के सागर में पलता है,
जवाब देंहटाएंवफा-जफा का रिश्ता-नाता।
नाज़ुक शाखों पर जो चढ़ता,
वो जीवनभर है पछताता।
सार्थक सन्देश देती बढ़िया रचना !
समझदार को मीत बनाओ..सही कहा शास्त्री जी..आभार..
जवाब देंहटाएंनेक सलाह!
जवाब देंहटाएंसमझदार को मीत बनाओ,नादानों को मुँह न लगाओ।
जवाब देंहटाएं...shiksha-prad sundar rachna...aabhaar!
जीवनोपयोगी सलाह..
जवाब देंहटाएंशक्ल सलोनी, चाल घिनौनी,
जवाब देंहटाएंमुख में राम, बगल में चाकू।
धर्म-गुरू का रूप बनाए,
लूट रहे जनता को डाकू।
मूषक का मन भरमाने को,
हर बिल्ला नाखून छिपाता।----------सटीक
संदेशपरक रचना ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रेरक बेहतरीन रचना,,,,,
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST,,,,,काव्यान्जलि,,,,,सुनहरा कल,,,,,
उपयोगी संदेश...बहुत सुंदर रचना !!!
जवाब देंहटाएं"मूषक का मन भरमाने को,
जवाब देंहटाएंहर बिल्ला नाखून छिपाता।"
वाह !
sundar prastuti
जवाब देंहटाएंसच्ची खरी बात ! बहुत सही!
जवाब देंहटाएंसच्चाई में "बल" होता है, मगर बल नहीं होते..., झूठ में इतने बल पड़े होते हैं...कि वो निर्बल पड़ जाता है! सच्चाई की मज़बूत शाख थाम जो चला जीवन में...मुँह के बल कभी नहीं गिरता...
ब्लू-टूथ का ज़माना है -
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