मेरे भारत की धरती पर जो आतंक मचायेगा। उसे नाज-नखरों से बन्दीघर में पाला जायेगा।। अतिथि देवो भव की, मर्यादा को क्योंकर छोड़ेंगे, बैर-भाव को भुला, शत्रु से नातेदारी जोड़ेंगे, हो अक्षम्य अपराध भले ही, प्राण नहीं लेंगे उसके, हमें मिलेगी रूखी रोटी, वो बिरयानी खायेगा। उसे नाज-नखरों से बन्दीघर में पाला जायेगा।। सन्तों को आदत होती, चना-चबेना खाने की, नहीं जरूरत है उनको, पूड़ी-हलवा खिलवाने की, विदुरनीति तो नहीं रही, अब तो दुर्नीति पनपती है, अनशकारी सत्याग्रह कर, अपनी जान गँवायेगा। उसे नाज-नखरों से बन्दीघर में पाला जायेगा।। अनाचार के लिए जूझना, नहीं रास उनको आता, घोटाला करने वाला ही, ऊँचे आसन को पाता, प्रजातन्त्र में जनहित की, जो भी बात करेगा, उसे अकारण-साधारण जेलों में डाला जाएगा। उसे नाज-नखरों से बन्दीघर में पाला जायेगा।। लोकतन्त्र में चौथाखम्भा, दौलतवालों की सुनता, जिसकी पहुँच नहीं ऊँची, वो कोरे सपनों को बुनता, उनको अगर छींक आयी तो, खबर बनी अखबारों की, चैनल भी उसको मोटे हर्फों में दिखलायेगा। उसे नाज-नखरों से बन्दीघर में पाला जायेगा।। |
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सोमवार, 14 मई 2012
"बन्दीघर में पाला जायेगा" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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उत्कृष्ट प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंआभार गुरु जी ||
Lahawaab.
जवाब देंहटाएंLa-jawaab.
जवाब देंहटाएंकहो कसाई को अब साईं,
जवाब देंहटाएंवही गुसाईं है भाई |
जब कसाब साहब बन जाए,
होती सब बेकार दुहाई ||
आधा सच भी नहीं दिखाते -
सच कैसे मीडिया बताई |
चांदी के जूते खा-करके,
होती गुरुवर आज छपाई ||
जेलों में आनन्द मचा है।
जवाब देंहटाएंbehad samyik.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर समायिक रचना,..अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST काव्यान्जलि ...: बेटी,,,,,
मेरे भारत की धरती पर जो आतंक मचायेगा।
जवाब देंहटाएंउसे नाज-नखरों से बन्दीघर में पाला जायेगा।।
jelon me biryaanee milti ,
par sake aise bhaag kahaan .....
मेरे भारत की धरती पर जो आतंक मचायेगा।
जवाब देंहटाएंउसे नाज-नखरों से बन्दीघर में पाला जायेगा।।
jailon me biryaane milti ,par sabke aise bhaag kahaan ,
ye pakvaan(sammaan) yahaan koi aatankee hi paayegaa ,
जेलों में मिलती बिरयानी ,
जवाब देंहटाएंपर ये सम्मान यहाँ कोई आतंकी ही बस पायेगा ,
हर शख्श ठागा रह जाएगा .
जेलों में मिलती बिरयानी ,
जवाब देंहटाएंपर ये सम्मान यहाँ कोई आतंकी ही बस पायेगा ,
हर शख्श ठागा रह जाएगा .
ज्वलंत विषय पर रचना करके आपने अपना लेखकीय धर्म निभाया है. ये हमारी राजनैतिक व्यवस्था की बिद्रूप्ता है कि अपराधी और आतंकी सजा नहीं मजा ले रहे हैं.
जवाब देंहटाएंKYA BATAYE AB KANOON KO TO FOLLOW KERNA HI PADEGA,AISE HAMARE NETA BOLTE HAI
जवाब देंहटाएंसटीक व सामयिक
जवाब देंहटाएंchor hain sab ke sab
जवाब देंहटाएंसरकारी दामाद बन गए अफज़ल और कसाब !
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना !!
मेरे भारत की धरती पर जो आतंक मचायेगा।
जवाब देंहटाएंउसे नाज-नखरों से बन्दीघर में पाला जायेगा।।
सटीक कटाक्ष करती सुंदर रचना ...
लोकतन्त्र में चौथाखम्भा, दौलतवालों की सुनता,
जवाब देंहटाएंजिसकी पहुँच नहीं ऊँची, वो कोरे सपनों को बुनता,
उनको अगर छींक आयी तो, खबर बनी अखबारों की,
चैनल भी उसको मोटे हर्फों में दिखलायेगा।
उसे नाज-नखरों से बन्दीघर में पाला जायेगा।।…………।सत्य बयाँ कर दिया ………शानदार कटाक्ष
सन्तों को आदत होती, चना-चबेना खाने की,
जवाब देंहटाएंनहीं जरूरत है उनको, पूड़ी-हलवा खिलवाने की,
विदुरनीति तो नहीं रही, अब तो दुर्नीति पनपती है,
अनशकारी सत्याग्रह कर, अपनी जान गँवायेगा।
उसे नाज-नखरों से बन्दीघर में पाला जायेगा।।
आदरणीय शास्त्री जी एक से बढ़ कर एक ..किस किस की तारीफ़ की जाए ...ये सरकार की आँखों से कहाँ दिखता है हो हल्ला मीडिया में दो दिन फिर सब ठन्डे बसते में आतंकी और भ्रष्ट के लिए सब स्पेशल होटल कबाब बिरयानी ..बचने के हर रास्ते उन के लिए खुले -आभार
भ्रमर ५
बहुत खूब ....बेजोड ..
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया :)
जवाब देंहटाएंत्वरित टिप्पणी से सजा, मित्रों चर्चा-मंच |
जवाब देंहटाएंछल-छंदी रविकर करे, फिर से नया प्रपंच ||
बुधवारीय चर्चा-मंच
charchamanch.blogspot.in
वाह ...बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति सर...
जवाब देंहटाएंउसे नाज-नखरों से बन्दीघर में पाला जायेगा।।
|| एक दिवस आयेगा कोई, उसे छुडा ले जाएगा ||