तन-मन की जो हरता पीरा
वो ही कहलाता है खीरा
चाहे इसका रस पी जाओ
आधा कड़ुआ, आधा मीठा
संकर खीरा हरा पपीता
दो देशी खीरा होता है
स्वाद बहुत है इसका अच्छा
खीरे को भी करना याद
खीरा गर्मी में वरदान
इसके गुण को लो पहचान
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महिमा इसकी अपरम्पार
जवाब देंहटाएंखीरा की हो जय - जयकार
Khire Ke guno ka sundar mahima mandan
जवाब देंहटाएंवाह!वाह!!
जवाब देंहटाएंकभी खरबूजा, कभी खीरा |
क्या खूब ! हकीमी नुस्खों का जखीरा ||
वाह वाह आदरणीय गुरुदेव श्री बहुत ही सुन्दर सटीक, मुख में पानी आ गया. बधाई स्वीकारें इस सुन्दर प्रस्तुति पर. आपकी यह रचना कल शनिवार (25 -05-2013) को ब्लॉग प्रसारण के "विशेष रचना कोना" पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
जवाब देंहटाएं.रोचक प्रस्तुति आभार . हम हिंदी चिट्ठाकार हैं.
जवाब देंहटाएंBHARTIY NARI .
kheera bhi ab aapka ahsanmand ho gaya hoga ,
जवाब देंहटाएंaapke liye bazar me sasta ho gaya hoga .
बहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति ..आभार . कुपोषण और आमिर खान -बाँट रहे अधूरा ज्ञान
साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN
waah......sacchi bat ....garmi apne sath bahut kuchh lati hai khane ke liye ....
जवाब देंहटाएंगर्मियों के लिए आज कल बहुत ही उपयोगी रचनाएँ दें रहें है,बिशेष आभार.
जवाब देंहटाएंsundar
जवाब देंहटाएंहे खीरे तेरी जय -जय कार
जवाब देंहटाएंतेरी महिमा अपरम्पार
सुन्दर बाल कविता ..........
आपने लिखा....हमने पढ़ा
जवाब देंहटाएंऔर लोग भी पढ़ें;
इसलिए कल 26/05/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
धन्यवाद!
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंएक बार अवश्य देखें- तौलिया और रूमाल
गर्मियों में खीरा हर किसी का पसंदीदा बन जाता है..
जवाब देंहटाएंआवश्यक यह हर भोजन में।
जवाब देंहटाएंwaah bhai waah ...
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