इसीलिए नेताओ की, आँखों पर चश्में काले हैं।
गांधी जी के दूजे बन्दर के, कानों में उँगली है।
इसीलिए नेताओं ने भी, अपने ढंग निकाले हैं।
अन्तिम बन्दर के मुँह पर हैं, उसके दोनों हाथ।
इसीलिए नेताओं के, मुख पर है कोई लगाम नही।
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चलिए कम-से-कम गांधीजी के बंदरों को तो आदर्श माना जा रहा है!
जवाब देंहटाएंसामयिक और सटिक लिखा आपने,बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएंबहुत सही व्यथा है आपकी और सभी की.
जवाब देंहटाएंरामराम.
सटीक आंका है आपने.
जवाब देंहटाएंhalat ka sahi bakhan kiya hai aapne.
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